Navratri Vrat Breaking Tips: नवरात्र का व्रत अष्टमी, नवमी या दशमी को उद्यापन कर खोला जाता है। लेकिन लंबे उपवास के बाद अचानक भारी खाना पचाने में दिक्कत दे सकता है। जानें व्रत तोड़ते समय किन बातों का ध्यान रखें और कौन-से आहार सबसे बेहतर हैं।
Navratri Vrat Breaking Tips: नवरात्र का व्रत अष्टमी, नवमी या फिर दशमी को उद्यापन कर खोला जाता है। मां दुर्गा की साधना में डूबे लोग पूरे मन, तन और आस्था से उपवास करते हैं। लेकिन एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रखा गया व्रत तोड़ते समय कुछ सावधानियां रखना जरूरी है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी।
लंबे समय तक उपवास करने से शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। आंतों में बनने वाले एंजाइम और एसिड का स्तर घट जाता है। मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है क्योंकि शरीर ऊर्जा बचाने की स्थिति में चला जाता है। साथ ही सोडियम और पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है, खासकर तब जब पर्याप्त पानी या तरल पदार्थ न लिया जाए। इसी वजह से व्रत तोड़ते समय अचानक भारी खाना लेने पर अपच, एसिडिटी, पेट फूलना, उल्टी या दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि लंबे उपवास के बाद यदि संतुलित आहार न लिया जाए तो स्वास्थ्य पर विपरीत असर हो सकता है। शोध बताते हैं कि शरीर 24 घंटों में शुगर रिजर्व का उपयोग कर लेता है और तीसरे दिन तक मेटाबॉलिज्म पूरी तरह बदलने लगता है। 2024 में Nature Metabolism में प्रकाशित एक स्टडी ने साबित किया कि तीन दिन का उपवास भी शरीर के कई अंगों में हजारों प्रोटीन बदलाव ला देता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों जैसे चरक संहिता में भी यही कहा गया है कि व्रत खोलते समय हल्के और सुपाच्य आहार से शुरुआत करनी चाहिए।
शुरुआत हमेशा तरल पदार्थों से करें। पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ या हल्की दही सबसे अच्छे विकल्प हैं। धीरे-धीरे सूप, फलों का रस और पके हुए फल शामिल करें। ये पचने में आसान होते हैं और शरीर को ऊर्जा देते हैं। पहले दिन छोटे हिस्सों में भोजन करें। एक बार में ज्यादा खाने से पाचन पर अचानक बोझ पड़ता है। मसालेदार, तैलीय और बहुत भारी भोजन से बचें। यह पेट को और ज्यादा परेशान कर सकता है। धीरे-धीरे सामान्य भोजन की ओर लौटें और शरीर को समय दें।