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Piercing Side Effects: क्या पियर्सिंग करवाने का रखते हैं शौक? तो पहले ये 5 स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जरूर जान लें

Piercing Side Effects: पियर्सिंग आपकी पर्सनालिटी को निखारती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पियर्सिंग कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकती है? आइए जानते हैं किन लोगों को पियर्सिंग करवाने से बचना चाहिए।

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Jul 30, 2025
Health risk of piercing फोटो सोर्स – Freepik

Piercing Side Effects: सोशल मीडिया पर आए दिन कई नए-नए ब्यूटी ट्रेंड्स वायरल होते रहते हैं, जिनमें से एक है पियर्सिंग करवाना।आजकल लोग पियर्सिंग शरीर के हर हिस्से में करवा रहे हैं, जैसे कान, नाक, बेली और लिप्स आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पियर्सिंग करवाना जितना ट्रेंडी लगता है, उतना ही यह शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है?
खासकर यदि आपको पहले से कोई हेल्थ समस्या है, तो इस प्रक्रिया को करवाने से कई तरह की जटिलताएं हो सकती हैं। अगर आप भी पियर्सिंग करवाने का सोच रहे हैं, तो इससे जुड़ी कुछ जरूरी सावधानियां जरूर जान लें।

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पियर्सिंग से जुड़े 5 स्वास्थ्य जोखिम (Reason of avoiding piercing)

त्वचा संबंधी समस्याएं

अगर आपको एक्जिमा, सोरायसिस, या कोई अन्य त्वचा समस्या है, तो पियर्सिंग आपके लिए जोखिमपूर्ण हो सकती है। इससे संक्रमण और सूजन का खतरा बढ़ जाता है और त्वचा की स्थिति और खराब हो सकती है।

मेटल एलर्जी

कुछ लोगों को निकेल, कोबाल्ट, या क्रोमियम जैसी धातुओं से एलर्जी होती है। पियर्सिंग के बाद, ऐसी एलर्जी खुजली, रैशेज, लालपन, या सूजन का कारण बन सकती है। मेटल से एलर्जी होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

ब्लड डिसऑर्डर

हीमोफीलिया या अन्य रक्त विकार वाले लोगों के लिए पियर्सिंग बहुत खतरनाक हो सकती है। ऐसे मामलों में रक्तस्राव को रोकना मुश्किल होता है और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

कमजोर इम्युनिटी

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए पियर्सिंग एक बड़ा जोखिम है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण पियर्सिंग की जगह पर संक्रमण जल्दी हो सकता है और घाव भरने में अधिक समय लग सकता है।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं

गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जो Defence system को प्रभावित करते हैं। ऐसे में पियर्सिंग से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और शरीर की उपचार प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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