लखनऊ

BSP में बड़ा बदलाव: आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया गया, मायावती के भाई आनंद कुमार को मिली बड़ी जिम्मेदारी

BSP Mayawati Akash and Anand Meeting: लखनऊ में हुई बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अहम बैठक में संगठनात्मक फेरबदल किया गया। आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया गया, जबकि मायावती के भाई आनंद कुमार का कद पार्टी में बढ़ा दिया गया। आगामी चुनावी रणनीति, संगठन की मजबूती और दलित वोट बैंक को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

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Mar 02, 2025
BSP में बड़े फेरबदल के पीछे क्या है असली वजह

Mayawati Decision: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें सबसे बड़ा आकाश आनंद को सभी पदों से हटाना और मायावती के भाई आनंद कुमार को बड़ी जिम्मेदारी देना शामिल है।

1. आकाश आनंद की छुट्टी क्यों?

बसपा के युवा चेहरे के रूप में उभर रहे आकाश आनंद को मायावती ने पार्टी में कई बड़ी जिम्मेदारियां दी थीं, लेकिन अब उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, आकाश आनंद की कार्यशैली और राजनीतिक अनुभव की कमी को लेकर पार्टी में असंतोष था, जिसके चलते यह फैसला लिया गया।

2. मायावती के भाई आनंद कुमार की बढ़ी ताकत

बसपा संस्थापक कांशीराम के बाद पार्टी में मायावती का ही वर्चस्व रहा है, लेकिन अब उनके भाई आनंद कुमार को संगठन में नई भूमिका दी गई है। इससे संकेत मिलता है कि बसपा भविष्य में एक संगठित और मजबूत नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ रही है।

3. आगामी चुनावों पर चर्चा

बैठक में 2029 के लोकसभा चुनाव और यूपी में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर विचार किया गया। मायावती ने संगठन को मजबूत करने, बूथ स्तर तक पार्टी को सक्रिय करने और दलित-मुस्लिम गठजोड़ को फिर से खड़ा करने की रणनीति पर जोर दिया।

4. पार्टी के अंदर सुधार पर फोकस

  • कमजोर क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने की योजना बनाई गई।
  • प्रदेश स्तर पर नेताओं की जवाबदेही तय करने पर जोर दिया गया।
  • बसपा को नए युवाओं और समर्पित कार्यकर्ताओं से जोड़ने का निर्णय लिया गया।

BSP में बदलाव के पीछे क्या कारण?

  • हाल के चुनावों में कमजोर प्रदर्शन:
  • बसपा को पिछले कुछ चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।
  • दलित वोट बैंक में सेंधमारी और संगठन में गिरावट चिंता का विषय रहा।
  • आंतरिक असंतोष
  • कई वरिष्ठ नेता आकाश आनंद की कार्यशैली से नाखुश थे।
  • पार्टी में नई रणनीति और नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठ रही थी।
  • लोकसभा चुनाव की तैयारी
  • बसपा खुद को फिर से मजबूत करने के लिए नई रणनीति अपना रही है।
  • मुस्लिम-दलित गठजोड़ को फिर से मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।

BSP की आगे की रणनीति

  • ग्राउंड लेवल पर संगठन को मजबूत किया जाएगा।
  • दलित, पिछड़ा और मुस्लिम वर्ग को पार्टी से फिर से जोड़ा जाएगा।
  • युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

बसपा की इस बैठक में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए गए हैं। आकाश आनंद की विदाई और आनंद कुमार की नई जिम्मेदारी बताती है कि पार्टी 2027 चुनाव से पहले खुद को फिर से मजबूत करना चाहती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बदलावों से BSP को कितना फायदा होता है और क्या पार्टी फिर से अपनी पुरानी सियासी ताकत हासिल कर पाएगी।

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