लखनऊ

Charbagh Signature Campaign: आजीविका की रक्षा के लिए कुलियों का संघर्ष: चारबाग स्टेशन पर हस्ताक्षर अभियान

Charbagh Signature Campaign: कुलियों की आजीविका पर मंडराते संकट को देखते हुए, चारबाग रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विरोध दिवस के तहत कुलियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अभियान में सैकड़ों यात्रियों और स्थानीय नागरिकों ने समर्थन देकर कुलियों की मांगों को बल दिया। राष्ट्रीय कुली मोर्चा के संयोजक राम सुरेश यादव के नेतृत्व में यह अभियान सरकार और रेलवे प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने की एक महत्वपूर्ण पहल रही।

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Nov 26, 2024
आधुनिकीकरण और निजीकरण का असर

Charbagh Signature Campaign:  रेलवे में बैटरी रिक्शा और ट्रॉली व्यवस्था के कारण कुलियों की आजीविका पर संकट गहरा गया है। बैटरी रिक्शा का इस्तेमाल यात्रियों को ले जाने में किया जा रहा है, जबकि रेलवे के आदेश के अनुसार यह सुविधा केवल वृद्ध, विकलांग और बीमार यात्रियों के लिए है। कुलियों की जगह संविदा पर नियुक्त नीली वर्दी में कर्मचारी ट्रॉली व्यवस्था के तहत लाए जा रहे हैं।

सामाजिक सुरक्षा का अभाव

कुलियों ने कहा कि उनकी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं जैसे बच्चों की मुफ्त और बेहतर शिक्षा, परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल और वर्दी वितरण, कागजों में सीमित होकर रह गई हैं।

नौकरी की मांग

कुलियों ने शीतकालीन सत्र में रेलवे की नौकरी में समायोजन का मुद्दा संसद में उठाने की अपील की है।

हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य

सरकार और रेलवे प्रशासन को कुलियों की समस्याओं से अवगत कराना।
कुलियों को रेलवे में स्थायी रोजगार देने की मांग।
निजीकरण के नाम पर ट्रॉली प्रथा और बैटरी रिक्शा संचालन को रोकने का आग्रह।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कराने की अपील।

राष्ट्रीय कुली मोर्चा का नेतृत्व

राष्ट्रीय कुली मोर्चा के संयोजक राम सुरेश यादव ने इस अभियान का नेतृत्व करते हुए कहा कि रेलवे प्रशासन को कुलियों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। निजीकरण के नाम पर आउटसोर्सिंग की व्यवस्था कुलियों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है। ट्रॉली प्रथा तुरंत बंद होनी चाहिए और रेलवे के आदेशों का सख्ती से पालन होना चाहिए।

कुलियों की मांगें

स्थायी रोजगार

रेलवे में कुलियों को स्थायी रोजगार का अवसर दिया जाए।

सामाजिक सुरक्षा

बच्चों की मुफ्त और बेहतर शिक्षा।
परिवार के स्वास्थ्य के लिए उचित योजनाएं।
हर साल 4 वर्दी देने की व्यवस्था।

निजीकरण पर रोक

ट्रॉली और बैटरी रिक्शा जैसी व्यवस्थाओं को समाप्त किया जाए।
आउटसोर्सिंग के तहत लाए गए कर्मचारियों की नियुक्ति को रोका जाए।

मुद्दों पर संसद में चर्चा

शीतकालीन सत्र में कुलियों की आजीविका पर चर्चा की जाए।
रेलवे में आधुनिकीकरण के नाम पर हो रहे बदलावों का जायजा लिया जाए।

स्थानीय लोगों का समर्थन

चारबाग स्टेशन पर हस्ताक्षर अभियान में सैकड़ों यात्रियों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया।
लोगों ने कुलियों की समस्याओं को समझते हुए उनके संघर्ष में साथ देने की बात कही।
इस अभियान ने आम जनता और कुलियों के बीच एकजुटता का उदाहरण पेश किया।

कुलियों का यह हस्ताक्षर अभियान उनकी आजीविका और अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और रेलवे प्रशासन को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए और रेलवे के आधुनिकीकरण के साथ-साथ कुलियों के रोजगार को सुरक्षित रखने के उपाय करने चाहिए।

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