CM Yogi Vande Mataram: गोरखपुर में आयोजित एकता पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों में अब वंदे मातरम् का नियमित और अनिवार्य गायन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है और वंदे मातरम् हमारी सांस्कृतिक पहचान व राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है.
Vande Mataram: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में आयोजित ‘एकता पदयात्रा’ के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जो प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों की दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाने जा रही है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश के हर स्कूल में अब ‘वंदे मातरम्’ का नियमित और अनिवार्य रूप से गायन कराया जाएगा. यह निर्णय न केवल शिक्षा जगत में नई चर्चा का विषय बना है, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय भावनाओं को लेकर भी व्यापक बहस की शुरुआत कर सकता है.
मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं है. देशभक्ति, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करने के लिए विद्यालयों में बच्चों को ‘वंदे मातरम्’ जैसे रचनात्मक और प्रेरणादायक गीतों के माध्यम से जोड़ना आवश्यक है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना, आत्मगौरव और राष्ट्र identity का प्रतीक है.
इसके साथ ही CM योगी ने याद दिलाया कि ‘वंदे मातरम्’ की रचना को 150 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस गीत को बदलने या इसकी महत्ता को कम करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि समय ने कई बार सिद्ध किया है कि ‘वंदे मातरम्’ केवल देशभक्ति का गीत नहीं बल्कि भारतीय आत्मा की आवाज है, जिसे मिटाना संभव नहीं.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही शासन की ओर से सभी बेसिक, माध्यमिक और निजी विद्यालयों को इसका निर्देश भेज दिया जाएगा. स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को प्रत्येक दिन गाया जाएगा और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रशासन और प्रबंध समिति की होगी.यह निर्णय उन जिलों के लिए भी महत्त्वपूर्ण होगा, जहाँ अभी तक केवल साप्ताहिक या विशेष अवसरों पर ही वंदे मातरम् का आयोजन होता था. अब इसे पूरी तरह नियमित रूप दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा कि आज का दौर तेजी से बदल रहा है और युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश आज विकास, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऐसे समय में राष्ट्रभक्ति की भावना मजबूत करना एक अनिवार्य कदम है.
योगी ने कहा कि “वंदे मातरम् हमारे राष्ट्रीय संघर्ष का आधार रहा है. यह गीत हजारों स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा बना और अब भी यह देश की आत्मा को दिशा देता है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराना आवश्यक है.
गोरखपुर में आयोजित ‘एकता पदयात्रा’ में हजारों लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर लोगों से समाज में सद्भाव, एकता और समरसता बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता और समरसता में है. “हम विभिन्न भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों वाले लोग हैं, लेकिन हमारी राष्ट्रीय पहचान एक है. इसी भावना को मजबूत करने के लिए स्कूलों में वंदे मातरम् का गायन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”
मुख्यमंत्री योगी द्वारा याद दिलाए गए 150 वर्ष का संदर्भ बेहद महत्वपूर्ण है. वंदे मातरम की रचना 1870 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी. यह गीत अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में सबसे बड़ा नारा बना. चाहे आंदोलनकारी रैलियां हो या जेलों में भारत माता के जयकारे, वंदे मातरम् उस समय का ऊर्जा स्रोत था.
इसकी पंक्तियाँ भारत की धरती, उसकी सौंधी मिट्टी और मातृभूमि के प्रति प्रेम की अगाध भावना प्रकट करती हैं. इसे 1950 में भारत के राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया गया. आज भी स्कूलों, समारोहों और राष्ट्रीय पर्वों पर इसका प्रभाव निर्विवाद है.
हालांकि मुख्यमंत्री के ऐलान को जनता और समर्थकों ने स्वागत किया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस पर चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष की ओर से अब तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अनुमान है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस को तेज करेगा.
कुछ शिक्षाविदों का कहना है कि राष्ट्रभक्ति के गीतों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, पर शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी चीज़ को 'अनिवार्य' बनाना संवेदनशील होता है. वहीं समर्थकों का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं बल्कि बच्चों में राष्ट्रीय चेतना पैदा करना भी है.
CM के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है. सूत्रों के अनुसार सभी स्कूलों के लिए एक विस्तृत परिपत्र जारी होगा जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि वंदे मातरम् का गायन कब और कैसे होगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्कूल में इस निर्देश का उल्लंघन न हो. सूत्र बताते हैं कि आदेश में यह भी उल्लेख रहेगा कि विद्यालयों में वंदे मातरम् का गायन सम्मानपूर्वक, निर्धारित धुन में और पूर्ण अनुशासन के साथ किया जाए.