CM Yogi Reviews meeting: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने 15 मार्च तक लंबित भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण पूरा करने, परियोजनाओं की समयबद्ध निगरानी सुनिश्चित करने और अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश
CM Yogi Order Development Project: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में चल रही केंद्र व राज्य सरकार से संबंधित विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 15 मार्च तक लंबित भूमि अधिग्रहण व मुआवजा वितरण संबंधी कार्रवाई पूरी कर ली जाए ताकि परियोजनाओं में देरी न हो। सीएम योगी ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर जिले में चल रहे कार्यों की जिलाधिकारी सप्ताहिक और मंडलायुक्त 15 दिन में समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कार्य की नियमित मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे परियोजनाओं की समयसीमा का पालन सुनिश्चित करें और किसी भी तरह की देरी या बाधा की जानकारी उच्च अधिकारियों को दें।
सीएम योगी ने अधिकारियों को आगाह किया कि विकास परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे राज्य के राजस्व पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाना चाहिए ताकि जनता को जल्द से जल्द सुविधाएं मिल सकें।
किसानों और प्रभावित परिवारों से नियमित संवाद करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसानों और परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों से नियमित संवाद करें। इससे किसी भी विवाद को समय पर सुलझाया जा सकेगा और परियोजनाओं को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सकेगा।
विकास कार्यों में अवरोध उत्पन्न करने वालों से सख्ती से निपटे प्रशासन
सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन विकास कार्यों में बाधा डालता है, तो प्रशासन को सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास कार्यों में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
परियोजनाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं
सीएम योगी ने कहा कि कार्य की समयबद्धता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से की जाए ताकि भविष्य में कोई समस्या न आए।