DM waived the fine:डीएम ने स्टोन क्रशरों पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर बाद में खुद ही माफ कर दिया। जुर्माना माफ करने का ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। आगामी पांच नवंबर को इस मामले में अंतिम सुनवाई होने वाली है।
DM waived the fine:डीएम ने स्टोन क्रशरों पर अनियमितता के आरोप में 50 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था। ये मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले का है। हाईकोर्ट ने नैनीताल के पूर्व डीएम द्वारा अपने कार्यकाल में विभिन्न स्टोन क्रशरों का 50 करोड़ से अधिक का जुर्माना माफ कर देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की बेंच ने मामले की अंतिम सुनवाई को पांच नवंबर तय कर दी है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता चोरगलिया निवासी भुवन चंद्र पोखरिया से कहा है कि खनन सचिव ने जो शपथ पत्र पेश किया है, वे उस पर वह अपना जवाब दे सकते हैं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर सचिव खनन से इस संबंध में डीएम के अधिकार के संबंध में पूछा था। नियमावली भी पेश करने को कहा था। बुधवार को सरकार ने शपथ पत्र के जरिए नियमावली पेश की।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता भुवन चंद्र पोखरिया ने कहा कि खनन सचिव ने जो शपथ पत्र पेश किया है वह उसपर अपना जवाब दे सकते हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि डीएम को अपने ही आदेश का परीक्षण का अधिकार नहीं है। दरअसल, नैनीताल के तत्कालीन जिलाधिकारी स्टोन क्रशरों में छापेमारी करते हुए अनियमिताएं पकड़ी थी। इस पर उन्होंने स्टोन क्रशरों पर 50 करोड़ रुपये से अधिक का भारी भरकम जुर्माना लगा दिया था। बाद में डीएम ने खुद ही अपना आदेश पलटते हुए जुर्माना माफ भी कर दिया था। इसी मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई है।