UNIFORM CIVIL CODE: समान नागरिक संहिता के तहत लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराने के लिए आए 3 आवेदनों में से एक को कानूनी मान्यता दे दी गई है।
LIVE IN RELATIONSHIP: उत्तराखंड सरकार ने बालिग युवक-युवती को लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने की मान्यता दी है। यह कपल देहरादून जिले का बताया जा रहा है। हालांकि दून से प्राप्त दो आवेदनों के अलावा एक आवेदन दूसरे जिले से भी प्राप्त हुआ था। पहला पंजीकरण देहरादून से ही हुआ है, इस पर अभी जिला प्रशासन ने मुहर नहीं लगाई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पहला पंजीकरण दून क्षेत्र में ही हुआ है।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता ने लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता मिलने के बाद दून में दो जोड़े सबसे पहले पंजीकरण कराने के लिए आगे आए। दोनों युगलों ने यूसीसी पोर्टल पर आवेदन किया। इसके अलावा राज्य से दूसरे जिले से भी एक जोड़े ने आवेदन किया है। दस्तावेज व दावे सही पाए जाने के बाद पहले जोड़े को लिव इन में रहने के लिए कानूनी तौर पर अनुमति दे दी गई है।
यूसीसी अधिनियम के तहत जो भी जोड़े लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराएंगे, उन्हें 16 पेज का फॉर्म भरना होगा। पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा और यह भी बताना होगा कि अगर भविष्य में यह विवाह करना चाहें तो वो इस योग्य हैं या नहीं जोड़े को पिछले लिव इन संबंधों का विवरण भी देना होगा।
धार्मिक प्रमाणपत्र के साथ ही रजिस्टार ऐसे आवेदनों को अस्वीकार कर सकते हैं यदि वे सार्वजनिक नीति और नैतिकता का उल्लंघन करते हैं। यूसीसी नियमों में कहा गया है कि आवेदक ऐसे निर्णयों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष अपील कर सकते हैं।
1-जोड़े को साथ रहने, संपत्ति साझा करने और बच्चों का पालन-पोषण करने का अधिकार है।
2-उन्हें एक-दूसरे के प्रति कुछ कर्तव्य निभाने होंगे, जैसे एक दूसरे की देखभाल करना और वित्तीय रूप से समर्थन करना।
3-25000 रुपये अर्थदंड और छह महीने की सजा का है प्रावधान।
उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप को एक ऐसे संबंध के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें एक पुरुष और एक महिला एक साझा घर में रहते हैं। इस संबंध को कानूनी मान्यता देने के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। जैसे, लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है और इसे एक महीने के भीतर करना होगा। इसके लिए लोगों को 16 पन्नों का फॉर्म भरना होगा।