लखनऊ

Weather Update: मानसून का तांडव: 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, 44 जिलों में वज्रपात, नया अपडेट

Heavy Rains Lash Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के तराई और पूर्वांचल क्षेत्रों में मानसून ने कहर बरपाया है। भारी बारिश के चलते 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 25 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 44 जिलों में वज्रपात की आशंका है। जनजीवन अस्त-व्यस्त और प्रशासन सतर्क स्थिति में है।

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Aug 05, 2025
पूर्वांचल और तराई क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित फोटो सोर्स : Patrika

Weather Update UP: उत्तर प्रदेश के तराई और पूर्वांचल के जिलों में मानसून ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। बीते 48 घंटों से जारी मूसलाधार बारिश ने कई शहरों को जलमग्न कर दिया है और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। भारी वर्षा के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है, वहीं खेत-खलिहान पानी से भर गए हैं। कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

मौसम विभाग ने मंगलवार को प्रदेश के 19 जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ और 25 जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इसके अलावा प्रदेश के 44 जिलों में वज्रपात (आकाशीय बिजली) की आशंका जताई गई है। लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह मानसूनी गतिविधि आगामी 24 घंटों तक जारी रहेगी, इसके बाद बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे गिरावट आने की संभावना है।

भारी बारिश के आंकड़े: रायबरेली और बदायूं में वर्षा का कहर

सोमवार को रिकॉर्ड की गई भारी बारिश में रायबरेली ने सबसे ऊपर स्थान हासिल किया जहाँ 202 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बदायूं में 190 मिमी, अयोध्या में 151 मिमी, बाराबंकी में 140 मिमी, और संभल में 122 मिमी वर्षा हुई।
इन जिलों में जलभराव के कारण सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, कई मोहल्लों और बस्तियों में घरों में पानी भर गया है, और बिजली की आपूर्ति भी ठप रही।

कहां-कहां है ऑरेंज अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित 19 जिलों के लिए मंगलवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया है, जिसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा की प्रबल संभावना है और प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए:

  • बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद,
  • सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, कासगंज,
  • बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली,
  • पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, और बदायूं।

इन जिलों में पहले से ही निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति है और नदियों के आसपास बसे गांवों को संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर सतर्क किया गया है।

येलो अलर्ट वाले 25 जिले

इन जिलों में बारिश की तीव्रता ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन सामान्य से अधिक वर्षा और अस्थायी जलभराव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:

  • गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज,
  • सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कन्नौज,
  • कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी,
  • बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर,
  • अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, और मैनपुरी।

इन क्षेत्रों में नागरिकों को खुले स्थानों, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

वज्रपात से सावधान: 44 जिलों में बिजली गिरने की आशंका

मौसम विभाग ने चेताया है कि 44 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की प्रबल संभावना है। ये घटनाएं अक्सर जानलेवा साबित होती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले किसान, पशु पालक और मजदूरों को खासतौर पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के अनुसार, "पूर्वी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्र में मानसूनी गतिविधि अत्यंत सक्रिय है। 6 अगस्त की शाम से बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है, लेकिन तब तक व्यापक एहतियात जरूरी है।"

प्रशासन सतर्क, राहत कार्य शुरू

राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय रखने और आवश्यक संसाधनों को तत्पर रखने के आदेश दिए हैं। सभी जिलों में एसडीएम और तहसीलदार को निचले इलाकों का निरीक्षण करने तथा राहत शिविरों की तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

जनजीवन पर असर

  • यातायात बाधित: कई क्षेत्रों में सड़कें पानी में डूब गई हैं, जिससे स्कूल बसें, एम्बुलेंस और दैनिक आवागमन प्रभावित हुआ है।
  • शैक्षणिक संस्थान बंद: कुछ जिलों में स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद रखने का आदेश दिया है।
  • फसलें बर्बाद: लगातार बारिश के कारण धान की रोपाई तो पूर्ण हुई, लेकिन जलभराव से खेतों में पौधों को नुकसान की संभावना है।
  • स्वास्थ्य पर असर: बारिश के कारण मलेरिया, डेंगू और जल जनित बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।

सावधानी ही सुरक्षा

  • मौसम विभाग और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:
  • तेज बारिश या गरज-चमक के समय घर से बाहर न निकलें।
  • बिजली गिरने की आशंका के समय मोबाइल फोन, छाते या किसी भी धातु से दूरी बनाए रखें।
  • बच्चों और बुजुर्गों को निचले इलाकों या जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से रोकें।
  • अफवाहों से बचें और केवल सरकारी या आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।

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