राजा भैया पर कार्रवाई करने वाले आईपीएस अफसर जसबीर सिंह को अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेवा मुक्त कर दिया गया है। 1992 बैच के इस आईपीएस अफसर को पहले ही निलंबित किया जा चुका था और वह पिछले पांच वर्षों से निलंबन पर थे।
आईपीएस जसबीर सिंह पर आरोप था कि उन्होंने सरकार की नीतियों और कामकाजी तरीके पर आलोचनात्मक बयान दिए थे। इसके बाद उन्हें अनुशासनहीनता और बयानबाजी के कारण निलंबित किया गया था।
सर्विस से जुड़ी अपनी समस्याओं को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति से भी अपील की थी, लेकिन उनका मामला सुलझा नहीं पाया। जब वे प्रतापगढ़ के एसपी थे तब राजा भैया पर कार्रवाई करने के कारण वे चर्चा में आए थे। फरवरी 2019 में एक वेबसाइट से बातचीत में जसबीर सिंह ने सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठाए थे। इसमें अफसरों के तबादले, एनकाउंटर नीति और शासन की कार्यशैली पर उनके कड़े बयान भी शामिल थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें बिना काम के वेतन दे रही थी जबकि उनके विभाग में कोई कामकाजी गतिविधि नहीं हो रही थी।
इसके बाद जब शासन ने उनसे जवाब मांगा तो उन्होंने छुट्टी पर जाने का फैसला किया वो भी बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लिए। इस पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। जसबीर सिंह का भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना भी विवाद का कारण बना। जब वह होमगार्ड में एडीजी थे तो उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था। इससे शासन असंतुष्ट हुआ और बाद में उन्हें होमगार्ड से हटाकर एडीजी रूल्स ऐंड मैनुअल्स पद पर भेजा गया।
अब जसबीर सिंह को सेवामुक्त करने का निर्णय लिया गया है और निलंबन के दौरान मिलने वाली आधी सैलरी भी बंद हो जाएगी। यूपीएससी द्वारा उनकी सेवाओं के समापन को मंजूरी मिलने के बाद उनकी सेवा बहाल होने की संभावना बेहद कम बताई जा रही हैं।