Government Schemes For Farmers: जानिए, पेंशन से लेकर फसल बीमा तक, किसानों के लिए 3 बड़ी सरकारी योजनाओं कौन सी हैं? साथ ही उस सरकारी स्कीम के बारे में जिसके जरिए किसान केवल 6% ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।
Government Schemes For Farmers: राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल पूरे देश में 23 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन का मकसद देश की अर्थव्यवस्था में किसानों की अहम भूमिका को सम्मान देना और भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को स्मरण करना है। किसान दिवस पर आपको बताते हैं किसानों से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में।
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं संचालित कर रही है। इन्हीं में से एक मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इस योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को मिलने वाले ऋण पर ब्याज दर घटाकर केवल 6 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले से किसानों पर वित्तीय बोझ कम होगा और उन्हें खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने में अधिक सहूलियत मिलेगी।
पहले मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत किसानों को 11 से 11.5 प्रतिशत तक की ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ता था। इस योजना के अंतर्गत किसान 3 वर्ष से लेकर 15 वर्ष की अवधि के लिए लोन ले सकते हैं। अब CM योगी आदित्यनाथ ने 21 दिसंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस योजना की ब्याज दर घटाकर केवल 6 प्रतिशत करने की घोषणा की है। साल 2026 से पहले किसानों को दी गई यह राहत उनके लिए बड़ी सौगात मानी जा रही है। इस योजना के तहत किसान सहकारी ग्राम विकास बैंक (https://upsgvb.in/index.php) के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसानों के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है।
| चरण | प्रक्रिया का विवरण |
|---|---|
| स्टेप–1: आवेदन | सहकारी बैंक की शाखा से 200 रुपये में आवेदन फॉर्म खरीदें। |
| आवेदन फॉर्म पर किसान की फोटो लगाकर सभी जरूरी जानकारी भरें। | |
| लेटेस्ट खसरा-खतौनी और अन्य आवश्यक दस्तावेज फॉर्म के साथ जमा करें। | |
| फॉर्म जमा करते समय 3 रुपये सदस्यता शुल्क देना होगा। | |
| एडवांस अंशधन के रूप में 100 रुपये जमा कराए जाएंगे। |
| प्रक्रिया | विवरण |
|---|---|
| आवेदन की जांच | बैंक अधिकारी आवेदन की वेरिफिकेशन करते हैं और प्रोजेक्ट अप्रेजल तैयार किया जाता है। |
| लोन स्वीकृति | जांच में सब कुछ सही पाए जाने पर लोन राशि मंजूर की जाती है। |
| स्वीकृति पत्र | लोन स्वीकृत होने पर LSO (Loan Sanction Order) जारी किया जाता है। |
| अंशधन जमा | लघु व सीमांत किसान से 5% और अन्य किसानों से 6% अंशधन लिया जाता है। |
| उदाहरण | 1 लाख रुपये के लोन पर 5,000 रुपये अंशधन जमा करना होगा। |
| प्रशासनिक शुल्क | यह शुल्क भी किसान से लिया जाता है। |
| किसान श्रेणी | प्रशासनिक शुल्क |
|---|---|
| लघु व सीमांत किसान | लोन राशि का 0.5% या अधिकतम 1,000 रुपये (जो कम हो) |
| अन्य किसान | लोन राशि का 1% या अधिकतम 2,000 रुपये |
| विवरण |
|---|
| लोन के लिए 2 गवाहों की आवश्यकता होगी |
| खेत के अलावा भवन, जमीन या दुकान के लिए भी लोन लिया जा सकता है |
| आवश्यक दस्तावेज |
|---|
| आवेदन फॉर्म |
| वर्तमान फसल वर्ष की खसरा-खतौनी या किसान बही |
| किसान की 2 लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो |
| आधार कार्ड |
| राशन कार्ड |
| केवाईसी फॉर्म (बैंक शाखा से उपलब्ध) |
यह एक केंद्र सरकार की योजना है, जिसके अंतर्गत सभी भूमिधारक किसान परिवारों को हर वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में, हर चार महीने के अंतराल पर सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण फसल बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप और फसल रोगों से होने वाले नुकसान से किसानों को आर्थिक सुरक्षा देना है। इस योजना के तहत किसानों को बहुत कम प्रीमियम दर पर फसल का बीमा कराया जाता है, जिससे आपदा की स्थिति में उन्हें मुआवजा मिल सके।
योजना में फसल के अनुसार प्रीमियम दर तय की गई है।
खरीफ फसलों के लिए किसानों को केवल 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है।
रबी फसलों के लिए यह प्रीमियम दर 1.5 प्रतिशत रखी गई है।
बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के लिए किसानों को अधिकतम 5 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है।
यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को भविष्य की आर्थिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसमें 18 से 40 वर्ष की आयु के किसान स्वेच्छा से पंजीकरण करा सकते हैं। योजना के तहत किसान को कार्यकाल के दौरान नियमित अंशदान करना होता है। 60 साल की आयु पूरी होने के बाद लाभार्थी किसान को हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन प्रदान की जाती है, जिससे बुढ़ापे में उन्हें आर्थिक सहारा मिल सके।
यह योजना पूरी तरह योगदान आधारित है। किसान की उम्र के अनुसार उसे हर महीने 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक का अंशदान करना होता है। किसान जितनी राशि जमा करता है, केंद्र सरकार भी उतनी ही रकम पेंशन फंड में योगदान करती है।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद आसान है। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर योजना में नामांकन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर जरूरी होता है। एक बार पंजीकरण पूरा होने के बाद किसान का मासिक योगदान बैंक खाते से ऑटो-डेबिट के माध्यम से कटता रहता है।