Lucknow Echoes With Jai Shri Ram: लखनऊ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में विजयादशमी पर 65 फुट ऊंचे रावण का दहन धूमधाम से हुआ। आतिशबाजी और जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। हजारों रामभक्तों की मौजूदगी में हुए इस आयोजन ने एक बार फिर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
Ravana Dahan 2025: शक्ति, धर्म और सत्य की विजय का प्रतीक विजयादशमी पर्व शुक्रवार को लखनऊ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में धूमधाम से मनाया गया। हजारों राम भक्तों की भीड़ ने 65 फुट ऊंचे रावण का दहन देख “जय श्रीराम” के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान कर दिया। ऐतिहासिक मैदान का कोना-कोना श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था, वहीं बाहर की सड़कों पर भी लोग रावण दहन का दृश्य देखने के लिए उमड़ पड़े।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा 65 फुट ऊंचा रावण का पुतला, जिसे रंग-बिरंगी आतिशबाजी और देशी पटाखों से सजाया गया था। पुतले को तैयार करने में कारीगरों को कई दिनों की मेहनत लगी। रावण दहन से पूर्व मशहूर आतिशबाज राजू आतिशबाज ने करीब डेढ़ घंटे तक लगातार आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन किया। चमकते हुए पटाखों और आसमान में गूंजती आवाजों ने बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रावण दहन से पहले मंच पर कोलकाता के कलाकारों ने रामलीला का जीवंत मंचन किया। इस दौरान लक्ष्मण और मेघनाथ के युद्ध, लक्ष्मण पर शक्ति बाण का चलना, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाना, और मेघनाथ वध जैसी प्रमुख लीलाओं का सजीव प्रदर्शन हुआ। जैसे ही मंच पर श्रीराम ने रावण का वध किया, वैसे ही मैदान में मौजूद हजारों दर्शक एक स्वर में “जय श्रीराम” का उद्घोष करने लगे। इसके तुरंत बाद 65 फुट ऊंचे रावण के पुतले को अग्नि दी गई और देखते ही देखते आतिशबाजी के बीच रावण धू-धू कर जल उठा। हर कोई इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने को आतुर दिखा।
लखनऊ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में इस बार दर्शकों की भीड़ रिकॉर्ड स्तर पर रही। मैदान का कोई भी हिस्सा खाली नहीं था, लोग जहां जगह मिली वहीं बैठ गए। यहां तक कि मैदान से बाहर की सड़कें भी दर्शकों से भरी रहीं। स्थानीय लोगों का कहना था कि रावण दहन का यह दृश्य हर बार भव्य होता है, लेकिन इस वर्ष की आतिशबाजी और भीड़ ने इसे ऐतिहासिक बना दिया।
रामलीला मंचन और रावण दहन के इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, तथा जीवनदीप आश्रम रुड़की से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि जी महाराज शामिल रहे। सभी अतिथियों का स्वागत और सम्मान रामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष ऋतुराज रस्तोगी, मंत्री शील अग्रवाल और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
रामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल ने जानकारी दी कि शुक्रवार को मंच पर लंका विजय, विभीषण का राज्याभिषेक और अयोध्या वापसी जैसे प्रसंगों का मंचन होगा। इसके बाद सीता जी की अग्नि परीक्षा तक की लीला प्रस्तुत की जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि 4 अक्टूबर को शाम 5 बजे भव्य “श्री राजा रामचंद्र जी की नगर दर्शन शोभायात्रा” निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा संपूर्ण राजसी वैभव के साथ ऐशबाग रामलीला मैदान से प्रारंभ होकर पीली कॉलोनी, वाटर वर्क्स रोड, कोयला मंडी, यहियागंज, राजा बाजार, सुभाष मार्ग, रकाबगंज, नादान महल मार्ग होते हुए वर्मा स्टॉप स्थित माता धर्मध्वजी देवी मंदिर तक जाएगी।
ऐशबाग रामलीला का आयोजन लखनऊ की परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है। दशकों से यहां विजयदशमी के दिन रावण दहन का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने न केवल लखनऊ, बल्कि आसपास के जिलों और दूरदराज के इलाकों से भी लोग आते हैं। धार्मिक आस्था से जुड़े इस पर्व का महत्व केवल बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है।
रावण दहन और आतिशबाजी को देखने के लिए बच्चे और युवा खासे उत्साहित दिखे। कई बच्चों ने रंग-बिरंगी आतिशबाजी को देखकर तालियां बजाईं और झूम उठे। वहीं युवाओं ने इस दृश्य को लाइव स्ट्रीमिंग कर सोशल मीडिया पर भी साझा किया।
हजारों की भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पूरे मैदान और आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात था। भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा बनाए रखने के लिए स्वयंसेवकों ने भी सहयोग दिया।