Madhumita Shukla murder case:यूपी के चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के शूटर रोहित चतुर्वेदी की सजा माफी के विरोध में वादी निधि शुक्ला ने आवाज मुखर कर ली है। निधि शुक्ला ने प्रेसवार्ता कर सरकार से जेल में बंद शूटर की सजा माफ नहीं करने की गुहार लगाई है। उन्होंने रोहित से खुद और परिवार की जान का खतरा भी बताया है।
Madhumita Shukla murder case:यूपी के चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के शूटर रोहित चतुर्वेदी की सजा माफी का विरोध शुरू हो गया है। शूटर रोहित उत्तराखंड के हरिद्वार की रोशनाबाद जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। शूटर रोहित ने सजा माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सजा माफी के निर्णय के लिए राज्य स्तरीय समिति को अधिकृत किया है। मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सरकार से अपील की है कि रोहित चतुर्वेदी की सजा माफ नहीं होनी चाहिए। निधि ने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा है। निधि शुक्ला ने रविवार को देहरादून पहुंचकर उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता की। निधि ने कहा कि रोहित चतुर्वेदी ने यूपी सरकार के मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के कहने पर उनकी बहन मधुमिता की निर्मम हत्या की थी। वह इस वक्त रोशनाबाद जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। रोहित से उन्हें जान का खतरा है।
इस मामले में दोषी पाए गए अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को साल 2023 में गोरखपुर जेल से सजा माफी के बाद रिहाई मिल चुकी है। निधि शुक्ला के मुताबिक इसका भी उन्होंने विरोध किया। अब रोहित चतुर्वेदी ने अपनी सजा माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य स्तरीय समिति बनाकर इस पर विचार करने के आदेश दिए हैं। सजा माफ होगी या नहीं इसका फैसला यही समिति करेगी। आरोप लगाया कि शूटर अपने गुर्गों के जरिए उनपर लगातार हमले करवा रहा है।
शूटर रोहित की सजा माफी के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन हुआ है। समिति के अध्यक्ष उत्तराखंड के प्रमुख सचिव कारागार, सचिव महानिरीक्षक कारागार, सदस्य प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि, अपर सचिव गृह और प्रमुख सचिव गृह शामिल हैं। इस समिति को 24 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट रोहित की सजा पर फैसला लेगा। वहीं, दूसरी ओर निधि शुक्ला ने कहा कि रोहित लगातार उनके और उनके परिवार के जीवन के लिए खतरा बना हुआ है।
लखनऊ के शुगर मिल कॉलोनी स्थित घर पर नौ मई 2003 को दो बदमाशों ने गोली मारकर कवियित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी थी। तब इस मामले में यूपी पुलिस ने जांच में ढिलाई बरती तो तत्कालीन केंद्र सरकार के आदेश से मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर यूपी सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी समेत दोनों शूटरों रोहित चतुर्वेदी व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया था। रोहित हरिद्वार जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।