लखनऊ

Patrika Key Note 2025 : ‘जनता और लोकतंत्र के बीच मीडिया एक जीवंत सेतु’- रेणुका टंडन

राजस्थान पत्रिका (Rajasthan Patrika) समूह के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पत्रिका समूह देश भर संवाद शृंखला आयोजित कर रहा है। इसी शृंखला में आज लखनऊ विश्वविद्यालय में पत्रिका की-नोट (Patrika Keynote) कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें 'लोकतंत्र और मीडिया' विषय पर चर्चा हुई।

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Sep 19, 2025
कार्यक्रम में FiCCi अध्यक्ष रेणुका टंडन ने मीडिया की निष्पक्ष भूमिका पर की चर्चा, PC- Patrika

Patrika Key Note 2025: लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में आज हुए की-नोट में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित विशिष्ट अतिथियों ने 'लोकतंत्र और मीडिया' पर चर्चा की।

लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में शुक्रवार को पत्रिका की-नोट (Patrika Keynote) कार्यक्रम का विषय ‘भारतीय लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका: अवसर और चुनौतियां’ था।

समाजसेवी और उद्यमी रेणुका टंडन ने कहा कि, 'लोकतंत्र जनता की आवाज है और मीडिया उस आवाज को सत्ता तक पहुंचाने वाला सेतु है। उन्होंने कहा, 'मीडिया का दायित्व है कि वह सच को साहसपूर्वक सामने लाए। टीआरपी और विज्ञापनों के दबाव में समाचार की सत्यता प्रभावित नहीं होनी चाहिए। मीडिया संतुलित और निष्पक्ष रहे, तभी लोकतंत्र मज़बूत हो सकता है।'

जनता और लोकतंत्र के बीच मीडिया एक सेतु

रेणुका टंडन (पूर्व चेयरपर्सन, फिक्की फ्लो लखनऊ एवं कानपुर चैप्टर और संस्थापक, अमरेन फाउंडेशन एवं लखनऊ फिल्म फोरम) ने कहा कि लोकतंत्र जनता की आवाज है और जनता की आवाज को सुनने के लिए लोकतंत्र तक पहुंचाने के लिए मीडिया एक सेतु है, जो कि सत्ता और जनता के बीच कार्य करता है। लोकतंत्र में मीडिया जीवंत सेतु है।

पत्रिका की-नोट 2025 कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ करते डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना।

जहां मीडिया पर दबाव वहां सत्ता मजबूती से नहीं कर सकती काम

उन्होंने कहा कि जहां लोकतंत्र में मीडिया के ऊपर दबाव है, वहां सत्ता कभी भी मजबूती से काम नहीं कर सकता। लोकतंत्र में मीडिया की आजादी जरूरी है। लोकतंत्र को अगर मीडिया के ऊपर विश्वास है, वो उसको अगर बोलने के लिए आजादी देता है तब मीडिया की जिम्मेदारी बनती है कि वह सच की आवाज उठाए।

टीआरपी और विज्ञापन के बीच सांमजस्य जरूरी

रेणुका टंडन (पूर्व चेयरपर्सन, फिक्की फ्लो लखनऊ एवं कानपुर चैप्टर और संस्थापक, अमरेन फाउंडेशन एवं लखनऊ फिल्म फोरम) ने कहा कि हमारी मीडिया को टीआरपी और विज्ञापन की वजह से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, मैं गुजारिश करूंगी कि मीडिया विज्ञापन और समाचार के बीच एक संतुलन जरूर ढूंढ़ निकाले। हमारे देश का मीडिया लोकतंत्र के लिए एक उदाहरण बने और नए आयाम स्थापित करे। संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र पर लोगों का विश्वास होता है। मीडिया निडर होकर जब सच को निभाता है तो जनता की आवाज गूंज बनकर देश की दिशा तय करती है।

Updated on:
19 Sept 2025 04:33 pm
Published on:
19 Sept 2025 11:40 am
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