New Initiative:मदरसों में बच्चों को अब गौरक्षा, हिमालय संरक्षण और जनसंख्या नियंत्रण जैसे पाठ भी पढ़ाए जाएंगे। साथ ही संस्कृत विषय में भी मदरसों के बच्चे पारंगत होंगे। राज्य के सभी मदरसों में छह राष्ट्रीय कार्यक्रमों को लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
New Initiative:मदरसों में बच्चों को बेहतर तालीम देने के लिए उत्तराखंड में छह राष्ट्रीय कार्यक्रमों को लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। अब मदरसों में बच्चों को गोरक्षा, हिमालय संरक्षण, आपदा प्रबंधन, टीकाकरण, जनसंख्या नियंत्रण, जल संरक्षण जैसे पाठ भी पढ़ाए जाएंगे। बाकायदा इसके लिए समय-समय पर सेमिनार और रैलियां भी मदरसों में आयोजित कराई जाएंगी। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के मुताबिक छात्र-छात्राओं को दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम दिलाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का काम राज्य सरकार कर रही है। कासमी के मुताबिक राज्य के मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। कासमी के मुताबिक राज्य में 60 से ज्यादा मदरसों ने कई सालों से मान्यता को आवेदन किया हुआ है। लेकिन मान्यता कमेटी नहीं होने से मान्यता अटकी है और वह अपंजीकृत मदरसों की श्रेणी में आते हैं और जांच के घेरे में भी। बताया कि अब मदरसा बोर्ड में मान्यता कमेटी गठित हो गई है। जल्द ही समिति की बैठक के बाद इन्हें मान्यता दी जाएगी।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के मुताबिक राज्य के मदरसों में संस्कृत विषय को वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाने जा रहे हैं। कासमी के मुताबिक मदरसा बोर्ड के अफसरों को निर्देशित किया है कि वह मदरसा संचालकों के साथ बैठक कराएं और उन्हें बच्चों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें सामाजिक बदलावों के प्रति जागरूक कराएं। छह राष्ट्रीय कार्यक्रम रैलियों और सेमिनार के माध्यम से यहां चलाए जाएंगे।
● टीकाकरण शून्य से पांच साल के बच्चों को टीकाकरण से बच्चे स्वस्थ रहते हैं। कुपोषण एवं बीमारियों से बचते हैं।
● जल संरक्षण जल ही जीवन है।
● गोरक्षा गाय का महत्व, गाय का दूध कुपोषण से बचाता है। जो मां बच्चे को दूध नहीं पिला पाती, उनके लिए गाय का दूध अमृत।
● हिमालय संरक्षण पर्यावरण एवं देश की रक्षा करता है। इसका संरक्षण जरूरी।
● जनसंख्या नियंत्रण फैमिली प्लानिंग का पाठ, बिना ऑपरेशन के भी जनसंख्या नियंत्रण संभव।
● आपदा प्रबंधनप्रदेश आपदा बाहुल्य क्षेत्र, यहां आपदाओं में कार्य के लिए छात्र निपुण हों।