Delhi Blast Shaheen Arrest: फरीदाबाद से पकड़ी गई डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी ने उत्तर प्रदेश में खुफिया हलचल बढ़ा दी है। परिवार का दावा है कि वह डेढ़ साल से संपर्क में नहीं थी, जबकि एटीएस पूछताछ में भाई डॉ. परवेज और अन्य संबंधों के नए तथ्य सामने आए हैं। जांच एजेंसियां कई पहलुओं पर तेजी से काम कर रही हैं।
Shocking Turns in Shaheen Case: फरीदाबाद से संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाए गए लोगों के साथ गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन के मामले ने उत्तर प्रदेश में सियासी और खुफिया हलकों में हलचल बढ़ा दी है। एटीएस की जांच आगे बढ़ने के साथ कई नई परतें खुल रही हैं, वहीं शाहीन के परिवारजन पूरी तरह से सदमे में हैं। पिता सईद अंसारी का कहना है कि उनकी बेटी डेढ़ साल से परिवार के किसी भी सदस्य से संपर्क में नहीं थी और उन्हें अब तक विश्वास नहीं हो रहा कि वह किसी गलत गतिविधि में शामिल हो सकती है। शाहीन की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने उसके भाई डॉ. परवेज के घर पर भी छापेमारी की है, जहां से लैपटॉप, मोबाइल रिकॉर्ड और कई डिजिटल डिवाइस कब्जे में लिए गए हैं।
डॉ. शाहीन के पिता सईद अंसारी ने पूछताछ में बताया कि बेटी का उनसे संपर्क बहुत पहले टूट गया था। उन्होंने कहा कि तीन बच्चों में शाहीन दूसरी संतान है। बड़ा बेटा शोएब है और सबसे छोटा बेटा डॉ. परवेज है। शाहीन पहले कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुकी है, लेकिन वर्ष 2013 में बिना नोटिस दिए वहां से जाना बंद कर दिया था। बाद में वर्ष 2021 में अनुपस्थित रहने के कारण मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं।
पिता ने बताया कि शाहीन की शादी महाराष्ट्र निवासी जफर हयात से हुई थी, लेकिन आपसी मतभेद के चलते 2015 में दोनों का अलगाव हो गया। इसके बाद शाहीन फरीदाबाद चली गई, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया है। परिवार का कहना है कि शाहीन ने किसी तरह की निजी जानकारी परिवार वालों से साझा नहीं की थी, न ही उन्होंने बताया था कि वह किसके संपर्क में है या किस काम में लगी है।
एटीएस स्रोतों के मुताबिक फरीदाबाद में पकड़े गए डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ में ही शाहीन का नाम सामने आया। मुजम्मिल अल-फलह यूनिवर्सिटी में कार्यरत था और उसने शाहीन को भी कुछ समय पहले वहां से जोड़ने का प्रयास किया था। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इसी दौरान दोनों के बीच संपर्क गहरा हुआ और शाहीन इसी नेटवर्क के करीब आई। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।
पिता सईद ने कहा कि शाहीन की गिरफ्तारी की खबर उन्हें खुद पुलिस ने दी। उन्होंने कहा, “मुझे यह बहुत कठिन लग रहा है कि शाहीन किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल हो सकती है। वह मेडिकल की पढ़ाई करने वाली और लोगों का इलाज करने वाली लड़की थी। डेढ़ साल से उससे कोई बात नहीं हुई। वह क्या कर रही थी, किसके साथ रह रही थी, यह हमें बिल्कुल नहीं पता।”
पूरा मामला तब और जटिल हुआ जब एटीएस ने छानबीन में पाया कि शाहीन लगातार अपने भाई डॉ. परवेज से संपर्क में थी। इसके बाद मंगलवार सुबह आईआईएम रोड स्थित मुतक्कीपुर क्षेत्र में परवेज के घर पर एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम पहुंची। घर पर ताला लगा मिला। टीम ने ताला तोड़कर भीतर खोजबीन की और वहां से एक लैपटॉप बरामद किया। मोबाइल डेटा और कुछ दस्तावेज भी कब्जे में लिए गए हैं।
घर के बाहर परवेज की कार खड़ी मिली, जिस पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का पास लगा था। जांच में सामने आया कि परवेज यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्यरत था और उसने एक सप्ताह पहले ही नौकरी से इस्तीफा दिया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से दिया गया था और उसके कामकाज में कभी कोई शिकायत नहीं मिली थी। दूसरी ओर, फरीदाबाद से बरामद की गई कार परवेज के नाम रजिस्टर्ड पाई गई, जिससे संदिग्ध गतिविधियों की कड़ी और मजबूत होती दिख रही है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि परवेज को शायद अपने नेटवर्क के पकड़े जाने की भनक लग गई थी, जिसके कारण वह फरार हो गया।
एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियों ने परवेज के घर की करीब चार घंटे तक गहन तलाशी ली। टीम ने आसपास के लोगों से भी उसकी दिनचर्या, परिचितों और हाल के व्यवहार के बारे में सवाल किए। स्थानीय लोगों का कहना है कि परवेज शांत स्वभाव का व्यक्ति था और ज्यादा मेलजोल नहीं रखता था।
सईद अंसारी ने बताया कि वह हर हफ्ते परवेज से फोन पर बात करते हैं और आखिरी बार 4 नवंबर को बातचीत हुई थी। इसके बाद से परवेज का फोन बंद आ रहा है। परिवार अब भी इस पूरे मामले से स्तब्ध है और कुछ भी समझ नहीं पा रहा है।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि परवेज ने अपना इस्तीफा स्वयं सौंपा था और तत्काल मंजूर कर लिया गया। हालांकि प्रशासन ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें यह नहीं पता था कि वह किस कारण से अचानक इस्तीफा देकर घर से निकल गया।
फरीदाबाद में पकड़ी गई टीम के पास से मिले विस्फोटक सामग्री, हथियार और डिजिटल डिवाइस के आधार पर एटीएस जांच को और आगे बढ़ा रही है। शुरुआती जांच में यह बात भी सामने आई है कि कुछ गतिविधियां उत्तर प्रदेश से संचालित हो रही थीं, जिन पर अब सुरक्षा एजेंसियां कड़ी नजर बनाए हुए हैं। जांच अधिकारी मानते हैं कि आने वाले दिनों में शाहीन और परवेज से जुड़ी कई और महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं, जो इस पूरे नेटवर्क का दायरा और उद्देश्य स्पष्ट करेंगी।