UP By-elections: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा उपचुनावों में जीत के लिए विकास कार्यों और संवाद को बनाया प्रमुख हथियार, हर क्षेत्र में विकास की गंगा बहा कर लोगों के दिलों में बनाई जगह.
UP By-elections: उत्तर प्रदेश में आगामी 9 विधानसभा सीटों के उपचुनावों की तैयारी जोरों पर है, जिसमें 13 नवंबर को मतदान होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के इन चुनावों में जीत के लिए अपनी रणनीति के तहत पहले विकास कार्यों का जाल बिछाया और अब संवाद के जरिए मतदाताओं से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की, जहां योगी आदित्यनाथ का जनता से सीधा संवाद कारगर साबित हुआ। इसी तर्ज पर अब यूपी में भी वे उपचुनावों के लिए मैदान में उतर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त और सितंबर के महीनों में जिन जिलों में उपचुनाव होने हैं, वहां विकास कार्यों की श्रृंखला शुरू की। 17 अगस्त को अंबेडकरनगर में नियुक्ति पत्र और स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण किया गया। 22 अगस्त को मुजफ्फरनगर में उन्होंने लगभग 5,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया, 50 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया और 2,500 से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट प्रदान किया। इसके बाद 27 अगस्त को मैनपुरी में 3,700 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र, ऋण और स्मार्टफोन-टैबलेट वितरित किए गए।
अलीगढ़, कानपुर नगर, मिर्जापुर और अन्य क्षेत्रों में भी योगी सरकार ने रोजगार, ऋण वितरण, और डिजिटल उपकरणों के वितरण के जरिए युवाओं और जनता का भरोसा जीता। उन्होंने 705 करोड़ रुपये की 305 परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया।
उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, वहीं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार के मंत्री और भाजपा के पदाधिकारी भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सभी नौ सीटों पर सरकार के प्रमुख मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा संगठन घर-घर जाकर योगी सरकार के कार्यों और कानून व्यवस्था को उजागर कर मतदाताओं से समर्थन की अपील कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में जब-जब उपचुनाव हुए, योगी आदित्यनाथ ने एक सक्रिय प्रचारक के रूप में भूमिका निभाई और पार्टी को सफलता दिलाई। गोला गोकर्णनाथ सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में योगी के प्रचार के चलते भाजपा के अमन गिरि ने जीत दर्ज की। मई 2023 में छानबे और स्वार टांडा उपचुनाव में भी योगी के प्रभावी संवाद और अभियान के चलते एनडीए के प्रत्याशियों ने विजय प्राप्त की। इन सफलताओं से साबित होता है कि योगी का जनता से संवाद स्थापित करना पार्टी के लिए बेहद प्रभावी रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य केवल प्रचार नहीं है, बल्कि विकास और सुशासन के आधार पर जनता का विश्वास जीतना है। उनके नेतृत्व में हुए विकास कार्यों ने पहले ही मतदाताओं में सकारात्मक माहौल बना दिया है। अब उनके संवाद अभियान के माध्यम से इस समर्थन को और मजबूत करने की तैयारी है। योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से हर सीट पर जाकर एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाएंगे और जनता को यह याद दिलाएंगे कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में क्या-क्या किया है।