Primary School Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को राहत देने जा रही है। नए शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए यूनिफॉर्म, बैग, जूते-मोजे और स्टेशनरी खरीदने हेतु धनराशि सीधे अभिभावकों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। सभी BSA को तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
Free Shoes-Socks, Children Uniform Scheme: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार एक बार फिर राहत भरी सौगात लेकर आ रही है। शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्कूल बैग, स्वेटर और स्टेशनरी की खरीद के लिए बजट सीधे उनके अभिभावकों के खातों में भेजा जाएगा। यह पहल न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि बच्चों को समय पर सामग्री भी प्राप्त होगी। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को पत्र भेजकर आवश्यक तैयारियां समयबद्ध ढंग से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी छात्र-छात्रा को यूनिफॉर्म, बैग या अन्य जरूरी शैक्षिक सामग्री के लिए इंतजार न करना पड़े। इसके लिए सभी छात्रों के अभिभावकों के बैंक खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। इससे मध्यस्थ एजेंसियों पर निर्भरता घटेगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।
डायरेक्टर प्रताप सिंह बघेल ने निर्देश दिए हैं कि सभी पास आउट, प्रोन्नत और नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाए। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना है, जिससे बजट भेजने की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई बच्चा इस योजना से वंचित रह जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित बीएसए की होगी। इस चेतावनी के बाद सभी जिलों में तेजी से अभिभावकों के बैंक खाते और आधार की जानकारी अपडेट की जा रही है।
सरकार के निर्देश मिलते ही सभी जिलों में BSA ने अपने-अपने ब्लॉक संसाधन केंद्रों को निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षकों से कहा गया है कि वे प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों के बैंक अकाउंट नंबर, आधार नंबर, IFSC कोड आदि जल्द से जल्द फीड करें। कई जिलों ने इस प्रक्रिया को 90% से अधिक पूरा भी कर लिया है। जिन जिलों में अभी फीडिंग अधूरी है, वहां अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है।
इस योजना को सफल बनाने में अभिभावकों की भी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके बैंक खाते आधार से जुड़े हों और ऑपरेटिंग स्थिति में हों। इसके लिए स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठकें आयोजित कर जागरूकता फैलाई जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग इस पूरे अभियान में पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। इसके लिए एक मॉनिटरिंग सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है, जिससे यह ट्रैक किया जा सके कि किस छात्र के खाते में पैसा पहुंचा और किसके नहीं।
इस योजना का लाभ कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्र-छात्राओं को मिलेगा जो सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ते हैं। नव प्रवेशी, पास आउट (जो उच्च कक्षा में गए हैं) और प्रोन्नत विद्यार्थी सभी इसके पात्र हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी भी छात्र को लाभ नहीं मिलता है, तो इसके लिए सीधे बीएसए जिम्मेदार होंगे। इसके तहत कार्रवाई की जा सकती है। यह चेतावनी कार्य में तेजी लाने के लिए दी गई है ताकि किसी बच्चे का अधिकार न छिने।