
तेज आंधी और बारिश से सैकड़ों बीघे में फैली गेहूं की कटी फसल भीगी, सड़ने का खतरा मंडराया, किसान चिंतित
Lucknow village rain update: लखनऊ के आसपास के ग्रामीण इलाकों में गुरुवार की सुबह आई बेमौसम बारिश और तेज आंधी ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। मौसम की इस मार ने जहां खेतों में कटी पड़ी सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल को पूरी तरह भीगा दिया, वहीं अब किसानों को फसल सड़ने का डर सता रहा है। खेतों में जहां कटाई और मड़ाई का काम जोरों पर था, वहीं अब वह पूरी तरह से थम गया है।
खासकर नगराम, समेसी, अमवा मर्तजापुर, गढ़ा और आसपास के गांवों में किसान पिछले कई दिनों से गेहूं की कटाई कर चुके थे। ज्यादातर खेतों में फसल काटकर मड़ाई के लिए तैयार पड़ी थी, लेकिन जैसे ही गुरुवार सुबह तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई, खेतों में पड़ी गेहूं की बालियों पर बारिश ने तबाही मचा दी।
किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह से तैयार थी, इसलिए मशीनों से कटाई शुरू कर दी गई थी। कुछ किसानों की फसलें थ्रेशिंग के लिए भी तैयार थीं, लेकिन बारिश ने इस काम को रोक दिया। खेतों में गीली फसल को अब उठाना भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि फिसलन और कीचड़ ने ट्रैक्टर व थ्रेशर की एंट्री रोक दी है।
गढ़ा गांव के किसान चंद्रपाल कहते हैं, "पिछले एक हफ्ते से कटाई कर रहे थे। लगभग 10 बीघा फसल कट चुकी थी, लेकिन बारिश से सारा गेहूं भीग गया। अब डर है कि अगर दो-तीन दिन और धूप न निकली तो पूरी फसल सड़ जाएगी।" वहीं समेसी के किसान रामकिशोर रावत बताते हैं, "हमने उम्मीद से ज्यादा उपज पाई थी, लेकिन ये बारिश कहर बन गई। अब न कटाई हो सकती है और न मड़ाई। ऊपर से मजदूरों के पैसे भी देने हैं।"
किसानों का कहना है कि गेहूं की कटाई के समय मौसम का ऐसा रुख बेहद नुकसानदायक है। जिन किसानों ने साहूकारों या बैंकों से लोन लेकर खेती की है, उनके लिए यह स्थिति और गंभीर बन गई है। यदि जल्द धूप नहीं निकली, तो फसल का एक बड़ा हिस्सा सड़ जाएगा, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
हालांकि अभी तक स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन किसानों की मांग है कि उन्हें आर्थिक सहायता दी जाए। क्षेत्रीय लेखपाल और कृषि विभाग के अफसरों को गांव-गांव जाकर नुकसान का जायजा लेने के लिए कहा गया है।
मौसम विभाग ने पहले ही चेताया था कि अप्रैल के पहले और दूसरे सप्ताह में बेमौसम बारिश हो सकती है। ऐसे में अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं, जहां तक संभव हो।
फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों का नजारा देख हर किसी का दिल बैठ जाता है। कहीं गीले गेहूं के ढेर पड़े हैं तो कहीं थ्रेशिंग मशीनें मिट्टी में धंसी हुई हैं। मजदूर भी मजबूर होकर गांव लौट गए हैं, क्योंकि काम न होने से मजदूरी मिलना भी बंद हो गया है।
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Published on:
12 Apr 2025 09:50 am
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