Meta Alert: सोशल मीडिया पर समय रहते सतर्कता दिखाते हुए पुलिस ने एक 12वीं के छात्र की जान बचा ली। सरोजनीनगर निवासी छात्र ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या का पोस्ट डाला था। मेटा के अलर्ट से पुलिस सक्रिय हुई और रेलवे ट्रैक की ओर जाते छात्र को खोजकर सुरक्षित घर पहुंचाया।
UP Police Meta Alert: सोशल मीडिया पर एक बार फिर समय पर मिली जानकारी और त्वरित पुलिस कार्रवाई ने एक मासूम जान को बचा लिया। सरोजनीनगर निवासी 12वीं कक्षा के छात्र ने रविवार देर रात इंस्टाग्राम पर आत्महत्या करने की पोस्ट लिख दी। पोस्ट में उसने लिखा, "सुबह पांच बजे ट्रेन से कटकर मेरी मौत होने वाली है.."पोस्ट वायरल होने से पहले ही मेटा कंपनी ने इसे गंभीरता से लेते हुए रात 3 बजकर 3 मिनट पर यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेल को ईमेल के जरिये अलर्ट भेज दिया। इस सूचना के बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने अधिकारियों को तत्काल सक्रिय होने और छात्र को खोजने के निर्देश दिए।
मेटा द्वारा भेजे गए फोन नंबर और लोकेशन डिटेल्स के आधार पर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। जानकारी मिलने पर सरोजनीनगर थाने को अलर्ट किया गया। पुलिस टीम छात्र के घर पहुंची, लेकिन वह वहां नहीं मिला। फिर परिजनों को पूरी स्थिति से अवगत कराकर उनके साथ मिलकर पुलिस ने छात्र की तलाश शुरू की। कुछ ही देर में छात्र रेलवे लाइन की ओर जाने वाले रास्ते पर मिल गया। पुलिस ने समझाकर उसे घर लाया और उसकी काउंसिलिंग कराई।
पूछताछ के दौरान छात्र ने बताया कि उसकी ऑनलाइन क्लास चलती है, लेकिन उसके पास केवल 4जी फोन है। इसमें इंटरनेट अच्छे से नहीं चल पा रहा था, जिससे पढ़ाई में दिक्कत हो रही थी। वह काफी समय से 5जी फोन दिलाने की मांग कर रहा था, पर परिजनों ने मना कर दिया। इसके अलावा छात्र ने अपने बड़े भाई से बाइक मांगी थी, पर उन्होंने भी मना कर दिया। इन बातों से नाराज होकर उसने यह कदम उठाने का मन बना लिया था।
पुलिस द्वारा काउंसिलिंग के दौरान छात्र ने माना कि उसका कदम गलत था। उसने दोबारा ऐसी हरकत न करने का वादा किया। परिजनों को भी समझाया गया कि बच्चों के भावनात्मक उतार-चढ़ाव पर ध्यान दें और समय रहते सकारात्मक संवाद करें।
यह घटना मेटा और यूपी पुलिस के बीच चल रही महत्वपूर्ण साझेदारी का हिस्सा है। वर्ष 2022 से मेटा और यूपी पुलिस मिलकर ऐसे संभावित आत्महत्या के मामलों पर रियल-टाइम अलर्ट सिस्टम के जरिये काम कर रहे हैं। जब कोई यूजर फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से संबंधित कोई पोस्ट या स्टोरी डालता है, तो मेटा तत्काल यूपी पुलिस को अलर्ट भेजती है।
1 जनवरी 2023 से 31 मई 2025 तक यूपी पुलिस को मिले कुल अलर्ट्स के आधार पर 986 लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
इनमे से कई मामले किशोरों और युवाओं से जुड़े होते हैं।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने पुलिसकर्मियों को सतर्कता और तत्परता के लिए सराहना दी। उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया के इस दौर में पुलिस की भूमिका सिर्फ अपराध रोकने तक सीमित नहीं रह गई है। अब हमें मानसिक स्वास्थ्य के संकट से जूझ रहे लोगों को भी बचाना है। ऐसे अभियानों में तेजी लाने की जरूरत है।"
मेटा कंपनी के प्रवक्ता ने इस अभियान पर कहा, "हमारा उद्देश्य किसी भी व्यक्ति के जीवन को संकट में देखकर तुरंत जिम्मेदार एजेंसियों को सूचना देना है। भारत में यूपी पुलिस के साथ हमारी साझेदारी एक सकारात्मक उदाहरण है कि किस तरह डिजिटल तकनीक से जान बचाई जा सकती है।"
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, आज के किशोर और युवा सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय रहते हैं। उनके बीच तनाव, अवसाद, अवास्तविक अपेक्षाएं और तुरंत संतुष्टि की चाह तेजी से बढ़ रही है। छोटे-छोटे मामलों में भी वे गंभीर कदम उठाने का मन बना लेते हैं। इस मामले में भी 5जी फोन न मिलना और बाइक न मिलना जैसी छोटी बातों पर छात्र ने आत्मघाती कदम उठाने की ठान ली थी।
मनोवैज्ञानिक सलाहकारों के अनुसार बच्चों के साथ नियमित संवाद करें। उनकी आवश्यकताओं को समझने की कोशिश करें। इच्छाओं और सीमाओं के बारे में खुले और सकारात्मक तरीके से बात करें। अवसाद या तनाव के लक्षण दिखें तो तुरंत काउंसिलिंग कराएं।
यूपी पुलिस ने इस मौके पर जनता से अपील की है"अगर आप या आपका कोई जानकार ऐसा पोस्ट डालता है तो इसे हल्के में न लें। तुरंत पुलिस को सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। हर जान अनमोल है।"