लखनऊ

Kisan Yojana: यूपी ने तय किया रिकॉर्ड 500 लाख टन रबी उत्पादन लक्ष्य, किसानों को ऐतिहासिक मदद मिली

Kisan Samman: उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए रिकॉर्ड 500 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए बीज वितरण और अनुदान में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है, जिससे प्रदेश कृषि क्षेत्र में नई उपलब्धि की ओर बढ़ रहा है।

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Dec 10, 2025
500 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का महत्वाकांक्षी संकल्प, किसानों को मिल रहा भरपूर समर्थन (फोटो सोर्स : Information Department )

UP Sets Record 500 Million Ton Rabi Production Target: उत्तर प्रदेश कृषि क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने रबी मौसम 2025-26 के लिए 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल आच्छादन का लक्ष्य तय करते हुए लगभग 500 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में करीब 21 लाख मीट्रिक टन अधिक है, जो प्रदेश की कृषि नीति की बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाता है। प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादन में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर योजनाएं लागू की जा रही हैं। इस दिशा में उन्नत बीजों की उपलब्धता को सबसे अहम कड़ी माना गया है।

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बीज वितरण में रिकॉर्ड वृद्धि

रबी फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए बीज की उपलब्धता को प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2024-25 में वितरित 7.86 लाख क्विंटल बीज की तुलना में इस वर्ष 2025-26 में 11.12 लाख क्विंटल बीज का वितरण कराया गया है। यह अब तक का सर्वाधिक वितरण है, जिससे लाखों किसानों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। कृषि विभाग का मानना है कि समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज मिलने से फसल की उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार आता है और किसानों की लागत भी कम होती है।

दलहन-तिलहन पर विशेष जोर

सरकार ने इस बार गेहूं के साथ-साथ दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन को भी विशेष प्राथमिकता दी है। इस उद्देश्य से करीब 24 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च कर लगभग 6.30 लाख किसानों को 23,160 क्विंटल बीज मिनीकिट का निःशुल्क वितरण किया गया है। इससे चना, मटर, मसूर, सरसों, राई, अलसी और तोरिया जैसी फसलों के क्षेत्रफल में इजाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, तोरिया, राई/सरसों एवं अलसी की फसलों के लिए 10.89 लाख क्विंटल बीज पीओएस मशीन के माध्यम से 50 प्रतिशत तक अनुदान पर वितरित किए गए हैं। इन पर लगभग 277 करोड़ रुपये का अनुदान किसानों को दिया गया है।

अब तक का सर्वाधिक अनुदान

वर्तमान रबी मौसम में बीज वितरण और अनुदान की यह राशि अब तक की सर्वाधिक मानी जा रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 3.26 लाख क्विंटल अधिक बीज वितरित किए गए हैं, जबकि अनुदान राशि में 86 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। कुल मिलाकर इस वर्ष रबी फसलों के लिए 301 करोड़ रुपये की सहायता किसानों को उपलब्ध कराई गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस तरह के निवेश से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि खेती को अधिक लाभकारी बनाने में भी मदद मिलेगी।

किसानों की आय बढ़ाने पर सरकार का फोकस

प्रदेश सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि केवल उत्पादन बढ़ाना ही नहीं, बल्कि किसानों की वास्तविक आय में भी वृद्धि की जाए। इसके लिए आधुनिक कृषि तकनीक, मृदा परीक्षण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसे साधनों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि फसल चक्र में दलहन और तिलहन को शामिल करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और दीर्घकाल में भूमि की उत्पादकता बढ़ती है।

पोषण सुरक्षा और विदेशी मुद्रा की बचत

दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ाने से प्रदेश को कई स्तरों पर लाभ मिलने की उम्मीद है। दालों और खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ने से आम जनता के पोषण स्तर में सुधार होगा। वहीं, तिलहन उत्पादन बढ़ने से खाद्य तेल के आयात पर होने वाला भारी खर्च भी घटेगा, जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत संभव हो सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निर्धारित लक्ष्य पूरे होते हैं, तो उत्तर प्रदेश देश के खाद्यान्न भंडार को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभा सकेगा।

तकनीक और नवाचार पर बल

कृषि विभाग ने इस मौसम में डिजिटल तकनीक का भी व्यापक उपयोग शुरू किया है। किसानों को पीओएस मशीनों के माध्यम से बीज वितरण, ऑनलाइन पंजीकरण और मोबाइल के जरिए कृषि सलाह दी जा रही है। मौसम आधारित एडवाइजरी और कीट नियंत्रण के लिए हेल्पलाइन सेवाएं भी सक्रिय की गई हैं। इसके अलावा, कृषि विस्तार अधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर किसानों को नई किस्मों, उर्वरकों के संतुलित उपयोग और सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दे रही है।

उम्मीदों से भरा रबी सीजन

राज्य सरकार का दावा है कि इस बार मौसम की स्थिति भी रबी फसलों के अनुकूल रहने की संभावना है। यदि वर्षा और तापमान सामान्य रहा, तो रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना संभव है। कृषि विभाग का कहना है कि किसानों और सरकार के साझा प्रयासों से उत्तर प्रदेश इस बार एक नया इतिहास रचने की दिशा में अग्रसर है।

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