लखनऊ

UP Teacher Transfer Policy 2025-26: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति लागू, अब पति-पत्नी एक ही जिले में कर सकेंगे सेवा

UP Shikshak Samachar: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर 2025-26 की नई नीति लागू कर दी है। यह नीति खासतौर पर उन दंपति शिक्षकों के लिए राहत लेकर आई है, जो अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। अब वे ऑनलाइन आवेदन के जरिए एक ही जिले में स्थानांतरित हो सकेंगे।

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May 22, 2025
फोटो सोर्स: Patrika उत्तर प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षकों के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति लागू की, अब पति-पत्नी एक ही जिले में कार्य कर सकेंगे।

UP Teacher Transfer Online: उत्तर प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के लिए एक नई और प्रभावशाली स्थानांतरण नीति घोषित की है। इस नीति का सबसे बड़ा लाभ उन शिक्षकों को मिलेगा, जिनके पति या पत्नी भी सरकारी सेवा में कार्यरत हैं लेकिन अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। अब ऐसे दंपति एक ही जिले में तबादले के ज़रिए एक साथ काम कर सकेंगे।

नीति की मुख्य बातें

  • स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी।
  • राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज के व्याख्याताओं और सहायक अध्यापकों को कवर किया जाएगा।
  • स्थानांतरण रिक्त पदों के विरुद्ध और प्राथमिकता क्रम में आवेदन के आधार पर होगा।
  • नीति का उद्देश्य पारदर्शिता, समानता और शैक्षणिक हितों की रक्षा करना है।
  • किन शिक्षकों को मिलेगा स्थानांतरण का लाभ
  • ऐसे शिक्षक जिनका जीवनसाथी सरकारी सेवा में है और अलग जिले में तैनात है।
  • वे शिक्षक जिन्हें गंभीर बीमारी, विकलांगता, या विकलांग बच्चों की देखभाल की आवश्यकता है।
  • ऐसे शिक्षक जो तीन या उससे कम शिक्षक वाले विद्यालयों में कार्यरत हैं।
  • महिला शिक्षिकाएं, जो राजकीय बालिका इंटर कॉलेज या हाई स्कूल में स्थानांतरण चाहती हैं।

 कैसे करें आवेदन

  • सभी आवेदन माध्यमिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होंगे।
  • शिक्षक अधिकतम 10 विद्यालयों को प्राथमिकता क्रम में चुन सकते हैं।
  • आवेदन केवल उन शिक्षकों के लिए मान्य होगा, जिनकी नियुक्ति 31 मार्च 2022 से पूर्व हुई है।
  • सभी रिक्त पदों की सूची पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी।

नीति का उद्देश्य क्या है

  • शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखना – शिक्षकों का न्यायोचित वितरण।
  • नौकरी में संतुष्टि बढ़ाना – पारिवारिक स्थिरता के माध्यम से।
  • मानवता और व्यवहारिकता का समावेश – सामाजिक और व्यक्तिगत जरूरतों का ध्यान।
  • डिजिटल पारदर्शिता – ऑफलाइन भ्रष्टाचार और पक्षपात को खत्म करना।

पति-पत्नी के लिए बड़ी राहत

विभाग का यह फैसला खासतौर पर उन शिक्षक दंपतियों के लिए बेहद राहत भरा है, जिन्हें वर्षों से अलग-अलग जिलों में काम करना पड़ रहा था। नई नीति उन्हें एक साथ रहने और पारिवारिक जीवन को संतुलित करने का अवसर देगी, जिससे कार्य में भी स्थायित्व आएगा।

किन्हें नहीं मिलेगा लाभ

  • जिनकी नियुक्ति 31 मार्च 2022 के बाद हुई है, वे इस स्थानांतरण नीति के पात्र नहीं होंगे।
  • जिन शिक्षकों ने पिछले वर्षों में मनचाहे तबादले का लाभ उठाया है, उन्हें इस बार प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
  • जो विद्यालय पहले से अत्यधिक शिक्षकों से संतृप्त हैं, वहां स्थानांतरण नहीं होगा।

विशेष सचिव उमेश चंद्र का बयान: विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा उमेश चंद्र ने बताया कि यह नीति मानव संसाधन की प्रभावी प्रबंधन योजना के तहत बनाई गई है। उनका कहना था कि "शिक्षकों को पारिवारिक और पेशेवर जीवन में संतुलन मिलना चाहिए, जिससे वे छात्रों को अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें।"

  • स्थानांतरण पोर्टल खुलने की तिथि: जल्द घोषित की जाएगी
  • आवेदन की अंतिम तिथि: पोर्टल पर उपलब्ध
  • स्थानांतरण आदेश जारी होने की तिथि: जुलाई 2025 के मध्य

शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव

  • इस स्थानांतरण नीति के माध्यम से सरकार ने एक साथ कई लक्ष्यों को साधने की कोशिश की है:
  • शिक्षकों की मनोस्थिति में सुधार
  • छात्रों को अनुभवी और स्थायी शिक्षक मिलना
  • ग्रामीण और दूरस्थ विद्यालयों में शिक्षकों की उचित तैनाती
  • सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासनिक पारदर्शिता और तकनीकी समावेशन की दिशा में मजबूत पहल मानी जा रही है।

डिजिटल और संवेदनशील बदलाव की ओर एक कदम

माध्यमिक शिक्षा विभाग की यह नई स्थानांतरण नीति शिक्षक समुदाय के लिए एक बड़ी राहत है। पारदर्शिता, समानता और शिक्षक हित को ध्यान में रखते हुए बनाई गई यह नीति न केवल व्यक्तिगत जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को भी मजबूती प्रदान करेगी।

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