लखनऊ

Om Prakash Rajbhar Statement: मदरसों में भी अब आयोग से नियुक्ति होगी”-ओमप्रकाश राजभर का बड़ा ऐलान

UP to Revamp Madrasa Education आजमगढ़ में सम्मान समारोह के दौरान सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मदरसों में भी शिक्षकों की नियुक्ति अब आयोग के माध्यम से होगी। यूपी बोर्ड, आईसीएसई और सीबीएसई की तर्ज पर मदरसा बोर्ड में पठन-पाठन की आधुनिक व्यवस्था लागू की जाएगी।

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Aug 19, 2025
आजमगढ़ में सम्मान समारोह के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना, कहा – सपा को सच सुनने की आदत नहीं     (फोटो सोर्स : Social Media/X )

Rajbhar Statement Azamgarh: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी सरकार के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जल्द ही मदरसों में भी शिक्षकों की नियुक्ति आयोग के माध्यम से होगी। “यूपी बोर्ड, आईसीएसई और सीबीएसई की तरह मदरसा बोर्ड में भी पठन-पाठन की व्यवस्था लागू की जाएगी,” उन्होंने कहा। नेहरू हाल में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में मंत्री राजभर ने विपक्ष पर “भ्रम फैलाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) को सच सुनने की आदत नहीं है और वह केवल जनता को गुमराह करने में लगी हुई है।

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“मदरसों में पारदर्शी भर्ती व्यवस्था लाएंगे”

ओमप्रकाश राजभर ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मदरसा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। “अब तक मदरसों में नियुक्तियाँ पारंपरिक तरीकों से होती रही हैं, लेकिन अब आयोग के जरिए पूरी पारदर्शिता के साथ शिक्षकों की भर्ती होगी। इससे योग्य अभ्यर्थियों को अवसर मिलेगा और शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी,” उन्होंने कहा। राजभर ने यह भी कहा कि मदरसा बोर्ड को आधुनिक बनाया जाएगा ताकि वहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थी भी यूपी बोर्ड, आईसीएसई और सीबीएसई के छात्रों की तरह प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल हो सकें।

विपक्ष पर जमकर हमला

राजभर ने समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे केवल राजनीति कर रहे हैं और जनहित के मुद्दों को भटका रहे हैं। “विपक्ष चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। यदि वाकई आयोग की गलती से कोई जीतता है, तो विपक्ष पहले अपने विजयी विधायकों से इस्तीफा दिलाकर यह साबित करे,” उन्होंने चुनौती दी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार गरीबों और पिछड़े वर्गों के लिए लगातार काम कर रही है, जबकि पिछली सरकारें केवल बयानबाजी करती रहीं।

पूजा पाल प्रकरण का जिक्र

ओमप्रकाश राजभर ने अपने भाषण के दौरान पूजा पाल के मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “योगी सरकार में पूजा पाल के पति के हत्यारों को सजा मिली, जबकि सपा सरकार ने उसी आरोपी को एमएलसी बना दिया था। यही सच समाजवादी पार्टी बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।”

“अखिलेश सरकार ने पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया”

राजभर ने अखिलेश यादव की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछड़ी जातियों के लिए न तो कोई आईएएस-पीसीएस कोचिंग सेंटर खोला गया और न ही गरीब बच्चों के लिए कोई ठोस पहल की गई। इसके उलट एनडीए सरकार ने प्रदेश के 18 मंडलों में गरीब विद्यार्थियों के लिए अटल आवासीय विद्यालय खोले हैं। “हमने हमेशा गरीबों और वंचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी है, जबकि सपा सरकार ने उन्हें केवल वोट बैंक समझा,” राजभर ने कहा।

राजभर का तीखा बयान - “विपक्ष सच से भागता है”

मंत्री राजभर ने विपक्ष को सीधी चुनौती दी, “सपा को सच सुनने की आदत नहीं है। जब भी सरकार जनता के हित में काम करती है, ये लोग झूठ फैलाकर उसका विरोध करते हैं।" उन्होंने कहा कि विपक्ष का मुख्य उद्देश्य केवल भ्रम फैलाना है, जबकि सरकार का लक्ष्य शिक्षा, विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाना है।

मदरसों में सुधार की आवश्यकता क्यों

  • भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए आयोग से नियुक्ति।
  • पाठ्यक्रम को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना।
  • छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के लिए सक्षम बनाना।
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और योग्य शिक्षकों को अवसर।

राजभर के इस बयान को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यदि आयोग से भर्ती लागू हुई, तो मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति पर उठने वाले सवाल स्वतः समाप्त हो सकते हैं।

विपक्ष ने क्या कहा

हालाँकि इस कार्यक्रम के बाद विपक्षी दलों ने राजभर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार केवल घोषणाएँ करती है, जमीनी स्तर पर काम नहीं। सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके सहयोगी दल केवल शिक्षा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

सम्मान समारोह में मौजूद लोगों ने राजभर के बयान का स्वागत किया। स्थानीय शिक्षकों और बुद्धिजीवियों का कहना है कि यदि मदरसों में आयोग से भर्ती लागू होती है, तो इससे न केवल शिक्षा का स्तर ऊँचा होगा बल्कि छात्रों को भी समान अवसर मिलेगा।

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