Uttarakhand News: उत्तराखंड के जंगलों में धधक रही आग को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके अनुसार अब जंगलों में पाई जाने वाली चीड़ की पिरूल 50 रुपये किलो खरीदी जाएगी।
Dhami Government Decision in Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में धधक रही आग ने धामी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसको लेकर बुधवार को सचिवालय में बैठक कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके तहत अब सरकार चीड़ की पिरूल 50 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेगी। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके लिए पचास करोड़ रुपये का कारपस फंड बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। धामी सरकार के इस फैसले से जंगल का ‘कबाड़’ यानी चीड़ की पिरूल बेचकर रातोंरात लोग लखपति बन सकते हैं।
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने के पीछे पिरूल बड़ा कारण है। राज्य निर्माण के बाद से वन विभाग और सरकारें इसके प्रबंधन में फेल रहीं। तमाम शोधों और दावों के बाद भी जंगलों से पिरूल का उठान व बिक्री नहीं हो पाई। अब तक सरकार लोगों से तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से पिरूल खरीद रही थी। कम कीमत के चलते लोग इसमें रुचि नहीं ले रहे थे। बुधवार को सरकार ने पिरूल की कीमत पचास रुपये प्रति किलो कर दी।
पीसीबी के सदस्य सचिव डॉ.पराग मधुकर धकाते ने बताया, एनटीपीसी व अन्य उद्योग पिरूल का इस्तेमाल बायोफ्यूल के रूप में करेंगे। उद्योगों को पिरूल की सप्लाई पीसीबी के माध्यम से होगी। इससे जहां उद्योगों को आसानी से ईंधन मिलेगा, वहीं पिरूल की समस्या का भी समाधान होगा।
जंगलों में आग बुझाने में लगे वन विभाग के करीब चार हजार कर्मचारियों और लगभग चार हजार फायर वाचरों का विश्व प्रकृति निधि की ओर से तीन-तीन लाख रुपये का जीवन बीमा किया गया है। विभागीय मुखिया पीसीसीएफ डॉ.धनंजय मोहन ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से कर्मचारियों के जीवन बीमा को लेकर उनकी भी कई बैंकों से बात चल रही है। जल्द ही कर्मचारियों का बीमा कराया जाएगा। ताकि अनहोनी की स्थिति में उनके परिजनों को मदद मिल सके।