लखनऊ

इमरान मसूद ने बताया वक्फ बिल में बड़ा झोल, बस 6 महीने की मोहलत, कैसे होगा मुस्लिम समाज का ये काम ? समझें नया वक्फ बिल 

Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ बिल को लेकर WAMSI पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार को इस मुद्दे पर जमकर घेरा। आइए बताते हैं वक्फ बिल के बाद क्या समस्याएं होने वाली हैं। 

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Apr 02, 2025
Waqf Amendment Bill

Waqf Amendment Bill Major Issue: बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया। बिल पर सदन पर ढेरों चर्चाएं हुईं। इन सभी चर्चाओं के बीच वक्फ के जमीन के लिए पंजीकरण को लेकर रहीं। सहारनपुर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने सरकार के संशोधन बिल पर गंभीर सवाल उठाएं।

इमरान मसूद ने क्या कहा ? 

कांग्रेस सांसद और इमरान मसूद ने कहा, "WAMSI पोर्टल का बार-बार जिक्र हो रहा था। 10 साल बहुत लंबा समय होता है। आप 10 साल में सभी संपत्तियों का पंजीकरण नहीं कर सके। आप 10 साल में यह काम नहीं कर सके लेकिन अब आप कहते हैं कि संपत्तियों का पंजीकरण 6 महीने के भीतर करना होगा और अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो वे संपत्तियां अब वक्फ की नहीं रहेंगी। पंजीकरण कौन करेगा? आपके अधिकारी। जब यह 10 साल में नहीं किया जा सका तो 6 महीने में कैसे किया जाएगा? यह एक संविधान विरोधी विधेयक है।"

मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय 

इमरान मसूद के इस तर्क के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि जो काम पिछले 10 में नहीं हो सका वो बस 6 महीने में कैसे होगा ? WAMSI पोर्टल पर यदि कोई संपत्ति पंजीकृत नहीं होती है तो वो वक्फ की नहीं रह जाएगी। अब मुस्लिम समुदाय का कहना है कि जिस राज्य में भाजपा की सरकार है उस राज्य के अधिकारी इसके पंजीकरण में मुश्किलें कर सकते हैं जिससे मुस्लिम समुदाय की संपत्ति को नुकसान हो सकता है।  

क्या है WAMSI पोर्टल ? 

WAMSI (Waqf Assets Management System of India) पोर्टल भारत सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के डिजिटल प्रबंधन के लिए विकसित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। यह वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ कर पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध कब्जों को रोकने में मदद करता है। पोर्टल पर वक्फ बोर्ड संपत्तियों का पंजीकरण, सर्वेक्षण और दस्तावेज़ीकरण कर सकते हैं। इससे वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होता है।

वक्फ में हुए ये बदलाव 

अब वक्फ़ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव है, जिससे विविधता और पारदर्शिता बढ़ाने का उद्देश्य है। विधेयक में वक्फ़ बोर्डों में कम से कम दो महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी का प्रावधान किया गया है, जिससे लैंगिक समानता को प्रोत्साहित किया जा सके।

वक्फ़ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों के स्वामित्व की पुष्टि के लिए अब जिला स्तर के अधिकारियों की मंजूरी आवश्यक होगी, जिससे संपत्ति के स्वामित्व को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। केंद्रीय वक्फ़ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव है, जिससे परिषद की कार्यप्रणाली में विविधता और पारदर्शिता बढ़ेगी। वक्फ़ संपत्तियों का सर्वेक्षण जिला कलेक्टरों द्वारा किया जाएगा, जिससे सर्वेक्षण प्रक्रिया में अधिक विश्वसनीयता और पारदर्शिता आएगी।

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