अभी सिर्फ शहरी निकाय और अन्य चुनावों में NOTA का ऑप्शन दिया जाता है। याचिका सुनील कुमार मौर्या की मांग है कि इसे पंचायत चुनाव में भी लागू किया जाए।
यूपी के पंचायत चुनाव में भी NOTA का ऑप्शन होगा या नहीं, इस मामले में कोर्ट की तरफ से अपडेट आया है। इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दायर एक जनहित याचिका में पंचायत चुनावों से जुड़े मतदान प्रक्रिया में बदलाव की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि जिस तरह शहरी निकाय और अन्य चुनावों में मतदाताओं को नोटा (None of the Above) का विकल्प दिया जाता है, उसी तरह पंचायत चुनावों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए। अभी सिर्फ शहरी निकाय और अन्य चुनावों में NOTA का ऑप्शन दिया जाता है। इसलिए इस बात की मांग की जा रही है कि पंचायत चुनाव में भी NOTA का ऑप्शन दिया जाए। याचिका सुनील कुमार मौर्या की ओर से दाखिल की गई है।
इसके साथ ही यह भी मांग की गई कि प्रत्येक चुनाव चिन्ह के सामने संबंधित प्रत्याशी का नाम लिखना अनिवार्य किया जाए, ताकि मतदाता को सही जानकारी मिल सके। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने की। सुनवाई के बाद न्यायालय ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह के भीतर अपना जवाबी शपथपत्र दाखिल करें।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ एक मुस्लिम युवक ने की। दरअसल, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत उस युवक ने अपनी शादी रचाई। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया। युवक ने कहा कि इस योजना ने उन्हें सम्मान के साथ विवाह करने का अवसर दिया। सामूहिक विवाह के माध्यम से वो सम्मानपूर्वक अपनी शादी कर सका। जिसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है।