CG News: मेडिकल कॉलेज का नए भवन का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। लेकिन, कार्यों की रफ्तार को देखते हुए लग रहा है कि 6-7 महीने और लग सकते हैं।
CG News: एनएच-353 से मेडिकल कॉलेज के नए भवन तक फोरलेन बनेगा। इसकी मंजूरी के लिए कॉलेज प्रबंधन ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। वर्तमान में कच्चा मार्ग है। इस कारण आने-जाने में परेशानी होती है।
मई माह में स्वास्थ्य मंत्री महासमुंद आए थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने एनएच से मेडिकल कॉलेज व परिसर में फोरलेन बनाने के निर्देश दिए थे। बाद कॉलेज प्रबंधन ने कलेक्टर को पत्र लिखा। मेडिकल कॉलेज का नए भवन का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। लेकिन, कार्यों की रफ्तार को देखते हुए लग रहा है कि 6-7 महीने और लग सकते हैं।
बारिश के कारण कई कार्य प्रभावित हुए हैं। मेडिकल छात्रों को रहने में हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए पहली प्राथमिकता हॉस्टल का निर्माण है। वहां तक पक्की सड़क भी अब तक नहीं पहुंच पाई है। मेडिकल कॉलेज का निर्माण दिसंबर 2023 में प्रारंभ हुआ था। भवन बन जाने से मेडिकल कॉलेज के छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। मेडिकल कॉलेज के प्रो. अलख राम वर्मा ने बताया कि फोरलेन बनाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। इस संबंध में चर्चा हुई है और प्रक्रिया चल रही है।
महासमुंद शहर में छात्रों के लिए हॉस्टल के लिए कोई भवन खाली नहीं है। मेडिकल कॉलेज को हॉस्टल खोजने मशक्कत करनी पड़ रही है। इस कारण मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा नए भवन में हॉस्टल शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। इस कारण पक्की सड़क होना जरूरी है, जिससे छात्र आना-जाना कर सकें।
बेलसोंडा के आस-पास लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए पंचायत के लोगों ने खरोरा से घोड़ारी तक डिवाइडर बनाने की मांग की है। डिवाइडर नहीं होने से पिछले कुछ वर्षों में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें कई लोगों ने जान गंवाई है। इस मार्ग पर रात में पर्याप्त रोशनी भी नहीं होती है। जिसके कारण लोगों को भारी दिक्कत होती है।
दुर्घटना का खतरा बना रहता है। वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं। वहीं वर्तमान में नया मेडिकल कॉलेज जाने वाला कच्चा मार्ग बदहाल है। गड्ढों में पानी भरा हुआ है। जिसके कारण यहां कार्य करने के लिए जाने वाले लोगों को परेशानी होती है। मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य के चलते भारी वाहनों की आवाजाही होती रहती है।
मेडिकल कॉलेज का मुख्य गेट का निर्माण कार्य जारी है, बाउंड्रीवॉल बनाने का कार्य भी अंतिम चरण में है। बारिश के कारण कार्य प्रभावित हुआ है। मेडिकल कॉलेज 89.19 एकड़ में 325 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। अकादमिक भवन व हॉस्टल 40 एकड़ में बन रहा है।