घूसखोरी में मऊ के रंगबाज दरोगा पर कार्रवाई, एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार जमीन विवाद में नाम निकालने के एवज में मांग रहा था रिश्वत, अब तक वसूल चुका था डेढ़ लाख रुपये से अधिक
Mau Crime news: मऊ जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन टीम आज़मगढ़ यूनिट ने शुक्रवार को हलधरपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक (दरोगा) अजय सिंह को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी दरोगा को दक्षिण टोला थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, दरोगा अजय सिंह हलधरपुर थाना क्षेत्र के हल्का नंबर-4 में तैनात था। वह बिलौझा चौक स्थित एक जमीन विवाद के मुकदमे की विवेचना कर रहा था। इस मुकदमे में कुल 20 लोगों को आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि दरोगा ने प्रत्येक आरोपी से नाम हटाने के एवज में 10-10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी दरोगा अब तक लगभग ₹1 लाख 60 हजार रुपये वसूल चुका था। शुक्रवार को वह उसी प्रकरण में शिकायतकर्ता घृतेश उर्फ बबलू चौहान से ₹20 हजार रुपये की अगली किश्त लेने पहुंचा था। इसी दौरान एंटी करप्शन टीम ने चाय फल जूस दुकान पर पहले से जाल बिछाकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता घृतेश कुमार चौहान ने बताया कि भीमपुरा–रतनपुरा मार्ग पर उनकी भूमि गाटा संख्या 453 है, जबकि उनके पीछे गाटा संख्या 457 पर उनके विपक्षी हरिंदर चौहान की भूमि स्थित है।
हरिंदर चौहान ने अपनी भूमि (गाटा 457) में 21 बटा 24 कराकर आदेश प्राप्त किया, जिसके आधार पर वहाँ पत्थर (सीमा चिह्न) लगाए गए। मौके पर पहुंचे कानूनगो उमाकांत यादव ने पैमाइश के दौरान लगभग 13 इंच अधिक भूमि नाप ली, जिससे ऐसा लगा कि मेरी भूमि (गाटा 453) को 457 या सड़क में मिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके बाद विपक्षी पक्ष ने एक पुराना वीडियो दिखाकर झूठा आरोप लगाया कि मैंने और मेरे साथियों ने रात में दीवार तोड़ी और खंभे उखाड़े। जबकि वह वीडियो दिन का था और किसी अन्य स्थान का था। इसी आधार पर मेरे विरुद्ध धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
घृतेश चौहान ने बताया कि इस मुकदमे की विवेचना दरोगा अजय सिंह कर रहे थे। उन्होंने घर आकर कहा तुम बहुत क्रिमिनल आदमी हो, तुम्हारे समेत 20 लोगों पर मुकदमा है। अगर नाम हटवाना है तो कोर्ट में साक्ष्य दो या फिर पैसा दो।
दरोगा ने मुकदमे से नाम हटाने के एवज में ₹2,00,000 की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह अब तक ₹1,60,000 दे चुके थे, और शेष ₹20,000 देने के लिए एंटी करप्शन टीम के साथ गए थे।
टीम ने पहले से ही शिकायतकर्ता को रासायनिक पदार्थ (फिनॉलथलीन) लगे नोट दिए थे। पर चालाक दरोगा ने वह पैसा अपनी बाइक की डिक्की में रखने को कहा, तभी टीम ने मौके पर छापा मारकर अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
यह मुकदमा 29 सितंबर 2025 को हरिंद्र चौहान पुत्र शिवनाथ चौहान, निवासी ग्राम तरवाडीह, पोस्ट बिलौझा, थाना हलधरपुर द्वारा दर्ज कराया गया था।
इस सनसनीखेज गिरफ्तारी ने एक बार फिर पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वहीं, प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक आरोपी दरोगा अजय सिंह से पूछताछ जारी है, और प्रारंभिक जांच के बाद उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की जा रही है।