मऊ

UP News: कथा वाचक शिक्षिका के कारनामों की लिस्ट पहुंची मंडल कार्यालय, सहायक शिक्षा निदेशक ने बीइओ परदहा से मांगा स्पष्टीकरण

कथावाचक शिक्षिका के कारनामों की लिस्ट अब शिक्षा विभाग के मंडलीय कार्यालय आजमगढ़ तक पहुंच गई है।मामले को संज्ञान में लेते हुए सहायक शिक्षा निदेशक ( बेसिक) आजमगढ़ मंडल ने खंड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

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Dec 10, 2024

Edducation News: मऊ जिले की चर्चित कथावाचक शिक्षिका के कारनामों की लिस्ट अब शिक्षा विभाग के मंडलीय कार्यालय आजमगढ़ तक पहुंच गई है।मामले को संज्ञान में लेते हुए सहायक शिक्षा निदेशक ( बेसिक) आजमगढ़ मंडल ने खंड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी के नाम से जारी पत्र में उनसे एक हफ्ते में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

कथावाचक अध्यापिका के भौकाल से परेशान है बच्चे और अन्य शिक्षक

आपको बता दें कि मऊ जिले के परदहा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय रणवीर पुर में पढ़ाने वाली शिक्षिका रागिनी मिश्रा विभागीय उच्चाधिकारी की मिली भगत से स्कूल नहीं जाती थीं। हफ्ते में एक दिन स्कूल पहुंचकर छूटे हुए सभी दिन की उपस्थिति एक साथ बना देती थीं। यही नहीं इस संबंध में विद्यालय में अगर कोई कुछ भी कहता था या प्रधानाध्यापक छुट्टी चढ़ाने की कोशिश करता था तो अगले ही दिन गुणवत्ता के नाम पर उसका वेतन रोक दिया जाता था। अध्यापकों में इस कदर दहशत व्याप्त थी कि रागिनी के खिलाफ कोई कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा था। विद्यालय में जब मीडिया पहुंची तो सारे तथ्य बाहर आए , वहीं विद्यालय के बच्चों ने भी रागिनी मिश्रा की पोल खोल दी। वहीं इस पूरे मामले पर बोलते हुए बीएसए ने प्रधानाध्यापक के सर मिलीभगत का ठीकरा फोड़ते हुए करवाई की बात कह दी, जबकि बीएसए से शिक्षिका की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं।

किसी की नजर नहीं पड़ी रागिनी मिश्र के कारनामे पर


सोचने वाली बात है कि परिषदीय विद्यालयों में शासन के निर्देशानुसार डायट प्राचार्य, बी एस ए, खण्ड शिक्षा अधिकारी, डायट मेंटर, जिला समन्वयक, एस आर जी एवं ए आर पी के सात स्तरीय विद्यालयी जाँच की भी होनी चाहिए जाँच। क्या किसी भी स्तर के जाँच में शिक्षिका अनुपस्थित नहीं मिली.... या फिर इन लोगों की भी मिलीभगत इसमें शामिल है??
वहीं कथावाचक शिक्षिका के अनुसार वह मेडिकल ले कर कथावचन करतीं हैं, तो क्या एक मेडिकली अनफिट व्यक्ति कथावाचन कर सकता है? मामला बहुत पेचीदा है, सच्चाई सामने आने के बाद देखने वाली बात ये है कि अब विभाग उसके खिलाफ क्या एक्शन लेता है?? या फिर जांच के नाम पर लीपा पोती करते हुए विभाग किसी मासूम को बलि का बकरा बना देता है?

Updated on:
10 Dec 2024 04:33 pm
Published on:
10 Dec 2024 03:57 pm
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