मऊ पुलिस लाइन परिसर में नवनिर्मित बैडमिंटन कोर्ट में तीन दिवसीय चलने वाले 42वी उत्तर प्रदेश पुलिस वाराणसी जोन की अंतर्जनपदी बैडमिंटन क्लस्टर (महिला/पुरुष) (बैडमिंटन और टेबल टेनिस) प्रतियोगिता का फाइनल मैच सम्पन्न हुआ। जिसमें रिचा यादव ने चार गोल्ड मेडल व एक सिल्वर मेडल जीत कर पूरे जनपद का नाम रोशन किया है।
मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र के नोनियापुर ग्राम सभा निवासी सपा नेता प्रेमचंद यादव की भतीजी रिचा यादव ने अपने परिवार के साथ पूरे जनपद का नाम रोशन किया है। मऊ पुलिस लाइन परिसर में नवनिर्मित बैडमिंटन कोर्ट में तीन दिवसीय चलने वाले 42वी उत्तर प्रदेश पुलिस वाराणसी जोन की अंतर्जनपदी बैडमिंटन क्लस्टर (महिला/पुरुष) (बैडमिंटन और टेबल टेनिस) प्रतियोगिता का फाइनल मैच सम्पन्न हुआ। जिसमें रिचा यादव ने चार गोल्ड मेडल व एक सिल्वर मेडल जीत कर पूरे जनपद का नाम रोशन किया है।
मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र के नोनियापुर में सुनील यादव के घर जन्मी रिचा यादव अपनी पढ़ाई प्रयागराज से की है। इनका शुरू से ही खेलने में रुचि थी वह वर्तमान में वाराणसी में पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल के पद c तैनात है तथा पुलिस विभाग के ही तरफ से वह गाजियाबाद में प्रशिक्षण ले रही हैं। वाराणसी पुलिस की टीम से मऊ पुलिस लाइन में हुए अंतर्जनपदी टूर्नामेंट में वह पांच गोल्ड मेडल व एक सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार सहित पूरे जनपद का नाम और रोशन किया है।
रिचा यादव बताती है कि उनका प्रारंभिक पढ़ाई इलाहाबाद में हुई और शुरू से ही खेल में रुचि होने के वजह से वह पुलिस विभाग में उनका चयन हुआ फिर भी वह खेलना नहीं छोड़ी। और गाजियाबाद में रहकर खेल प्रशिक्षण पुलिस विभाग के द्वारा कर रही हैं। तथा समय-समय पर अन्य जनपदों में अपने प्रदेश व अपने पुलिस विभाग के वाराणसी टीम की तरफ से खेलने जाती हैं। जिसमें इस बीते पिछले महीने में पांच गोल्ड मेडल उन्होंने बैंगलोर में जीता था। और इस बार वह मऊ जनपद में हो रहे अंतर्जनपदी टूर्नामेंट में पांच गोल्ड मेडल व एक सिल्वर मेडल जीता है।
रिचा यादव बताती है कि अभी आगे उन्हें और मेहनत करनी है और अपने परिवार समेत अपने पूरे प्रदेश और देश का नाम रोशन करना है। इस कामयाबी के पीछे वह अपने पिता सुनील यादव का श्रेय बताती हैं रहती है कि उनके पिता और माता का काफी सहयोग रहता है उनके आशीर्वाद और अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से इस काबिल मैं बन पाई हूं।