कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक की तैनाती पर उठाए सवाल, सोशल मीडिया में रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी आए निरीक्षक के समर्थन में, एसपी की कार्यशैली को बताया गलत
मुरैना. पुलिस अधीक्षक की प्रताडऩा के चलते मुरैना पुलिस लाइन में पदस्थ निरीक्षक रामबाबू यादव द्वारा दिया गया इस्तीफा भोपाल में काफी हाईलाइट है। कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने एक्स पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंगार को ट्वीट करके मुरैना में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ की तैनाती पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता मिश्रा ने लिखा है कि रामराज्य और सुशासन के कथित दावों के बीच जिले में एक ऐसे एसपी की तैनाती जो खुद अपने द्वारा किए गए अपराधिक कृत्य की स्वीकारोक्ति खुद ही कर रहा हो, डकैतों के लिए किए जा रहे सहयोग, संरक्षण की बातें भी विभागीय स्तर पर ही सामने आ रही हो, ऐसे अधिकारी की मैदानी तैनाती, मजबूती को लेकर की गई या मजबूरी में और यदि कारण दूसरा है तो वह क्या हो सकता है। उन्होंने एसपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि टी आई ने आप पर प्रताडऩा और एक डकैती के मामले में उनके द्वारा की गई विवेचना को लेकर जो बातें (आरोप) सार्वजनिक की गई हैं, वह स्पष्ट कर रही हैं कि आप इस प्रकरण (डकैती जैसे गंभीर अपराध) में भी आरोपियों को ही परोक्ष रूप से सहयोग करने की अभिलाषा रख रहे हैं।
पुलिस निरीक्षक रामबाबू यादव का कहना हैं कि मेरी 37 साल की नौकरी में पहली बार अपमान का सामना करना पड़ा। पुलिस अधीक्षक ने पद का दुरुपयोग करते हुए मेरा अपमान किया है, जिससे मैं आहत हूं। मैंने सोचा कि आत्महत्या कर लू लेकिन इससे अच्छा है कि इस्तीफा ही दे दूं। और मैंने पुलिस अधीक्षक को इस्तीफा दे दिया है। इस तरह अपमान से मैं नौकरी नहीं कर सकता। यहां बता दें कि निरीक्षक रामबाबू यादव तेज तर्रार और मेहनती रहे हैं। उन्होंने पुलिस लाइन में रहकर भी रिठौरा की लूट को ट्रेस किया और जौरा में डेढ़ करोड़ की डकैती को लगभग ट्रेस कर लिया है, उसके बाद भी पुलिस अधीक्षक उनके प्रति गलत कार्यशैली को लेकर चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। निरीक्षक के इस्तीफा का मामला सोशल मीडिया में भी काफी चर्चा में हैं, अधिकांश लोगों द्वारा एसपी की कार्यशैली पर ही उंगली उठाई जा रही है। इनमें रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली से निरीक्षक रामबाबू यादव ही नहीं, कई निरीक्षक व उप निरीक्षक और निचले स्तर के अधिकारी कर्मचारी प्रताडि़त हैं, साल भर के कार्यकाल में एक अधिकारी कर्मचारी को आधा सैकड़ा सजा मिलना, जिले का नहीं प्रदेश का पहला मामला होगा। अन्य अधिकारी कर्मचारी मजबूरन सहन कर रहे हैं लेकिन रामबाबू उसे बर्दाश्त नही कर सके। इससे पहले रजौधा चौकी में पदस्थ एएसआई शैलेंद्र चौहान भी 17 अगस्त 2024 को अपनी चौकी के रोजनामचा क्रमांक-7 में पुलिस अधीक्षक द्वारा मानसिक रूप से प्रताडि़त करने की बात दर्ज कर चुके हैं।
पुलिस लाइन में पदस्थ टीआई रामबाबू यादव ने ऑफिस आकर वीआरएस का आवेदन दिया है। मानसिक रूप से प्रताडि़त करने की बात गलत है। अभी उनकी शनीचरा में ड्यूटी लगी है। वहां से फ्री होकर आएंगे तो उन्हें एक बार समझाएंगे।