मुंबई

अकबर ने पर्यूषण पर्व पर बंद करवाए थे बूचड़खाने… जैन समाज की दलील, बॉम्बे HC का नगर निगम को नोटिस

Bombay High Court on Paryushan Mahaparva : जैन समाज ने मांग की थी कि पूरे पर्यूषण पर्व के दौरान बूचड़खाने बंद रहें। पहले बीएमसी ने केवल एक दिन बंद रखने का फैसला किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 24 और 27 अगस्त कर दिया।

2 min read
Aug 20, 2025
Bombay High Court

Paryushan Mahaparva 2025: जैन धर्म में पर्यूषण पर्व का विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद महीने में मनाया जाने वाला यह पर्व आज से शुरू हुआ। इसी के तहत जैन समाज ने मुंबई में पूरे पर्व के दौरान कत्तलखाने बंद रखने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। इस संबंध में दायर याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई।

जैन समाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसके तहत पर्यूषण पर्व के दौरान नौ दिन तक बूचड़खाने बंद रखना अनिवार्य हो। अदालत ने स्पष्ट किया कि बिना किसी वैधानिक प्रावधान के कोर्ट राज्य सरकार या मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को इस तरह का आदेश नहीं दे सकता। सुनवाई के दौरान अदालत ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) को निर्देश दिया है कि अगले दो हफ्तों में इस पर अपना पक्ष स्पष्ट करे।

ये भी पढ़ें

‘जरूरत पड़ी तो शस्त्र उठा लेंगे’, कबूतर खाना विवाद पर जैन मुनि की धमकी, कहा- कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे

जैन समाज ने मांग की थी कि पूरे पर्यूषण पर्व के दौरान बूचड़खाने बंद रहें। पहले बीएमसी ने केवल एक दिन बंद रखने का फैसला किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 24 और 27 अगस्त कर दिया गया। लेकिन याचिकाकर्ता इससे संतुष्ट नहीं हुए और पूरा नौ दिन का बंद लागू करने की गुहार लगाई।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि मुंबई में जैन आबादी अहमदाबाद से अधिक है, लेकिन अहमदाबाद में पर्व के दौरान सभी बूचड़खाने बंद रखने का निर्णय लिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है। लेकिन मुंबई में बीएमसी ने इस बात को ध्यान में नहीं रखा। उन्होंने हिंसा विरोधक संघ मामले का हवाला देते हुए कहा कि बूचड़खाने बंद करना असंवैधानिक नहीं है और न ही यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। 

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसाद ढाकेफलकर (Prasad Dhakephalkar) ने भी याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी कि बीएमसी ने गैर-शाकाहारी आबादी की पसंद को अधिक महत्व दिया है, जबकि मुंबई में बड़ी संख्या में लोग शाकाहारी हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि मुगल सम्राट अकबर तक ने जैन त्योहार पर्यूषण के दौरान बूचड़खाने बंद करने का आदेश जारी किया था, लेकिन बीएमसी को मनाना कहीं ज्यादा मुश्किल साबित हो रहा है।

सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद मामले में नगर निगम ने खुद फैसला लिया था, जबकि मुंबई में ऐसा कोई नियम या पॉलिसी नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि अगर उन्हें बीएमसी के आदेश पर आपत्ति है तो उसे चुनौती दें, न कि सीधे आदेश की मांग करें। कोर्ट ने बीएमसी को भी नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

Updated on:
20 Aug 2025 07:23 pm
Published on:
20 Aug 2025 07:22 pm
Also Read
View All

अगली खबर