Disha Salian death case : 28 वर्षीय दिशा सालियान ने 8 जून 2020 को मुंबई के मलाड में एक इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। सीबीआई ने दिशा की मौत को हादसा बताया था। दिशा दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर थीं।
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान (Disha Salian Death Case) की मौत के मामले के एक बार फिर से तूल पकड़ने के बाद महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर अब बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) की गिरफ्तारी की मांग कर रही है। उधर, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और महाविकास आघाडी में उसकी सहयोगी कांग्रेस और शरद पवार नीत एनसीपी (एसपी) इस मामले को राजनीतिक करने का आरोप लगा रही है।
दिशा (28) के पिता सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत की नए सिरे से जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उसके साथ गैंगरेप हुआ था और सच को दबाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई। सतीश सालियान ने शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस मामले में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की भूमिका की भी जांच की मांग की है।
दिशा सालियान के लिए न्याय की मांग को लेकर गुरुवार को शिवसेना ने महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में प्रदर्शन किया। जबकि विधानसभा में सतीश सालियान द्वारा लगाए गए आरोपों का हवाला देते हुए बीजेपी विधायकों ने आदित्य ठाकरे की गिरफ्तारी की मांग की।
इस दौरान सदन में गृहराज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि दिशा सालियान मामले की एसआईटी जांच चल रही है। अभी तक एसआईटी की रिपोर्ट नहीं मिली है। हालांकि, हम अदालत के निर्देश के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
इस पर बीजेपी विधायक व मंत्री नितेश राणे ने खड़े होकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, ऐसे मामलों में जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया जाता है, उसे तुरंत गिरफ्तार कर पूछताछ करनी होती है। इसलिए उस नेता को भी आम व्यक्ति की तरह न्याय मिलना चाहिए। नितेश राणे की इस मांग का एकनाथ शिंदे गुट के मंत्री शंभुराज देसाई ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जैसा न्याय एक आम आदमी को मिलता है, वही नियम पूर्व मंत्री पर भी लागू होना चाहिए। इसलिए तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए और आरोपों की जांच करनी चाहिए। बता दें कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार में आदित्य ठाकरे कैबिनेट मंत्री थे।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी विधायक अमित साटम ने दिशा सालियान की मौत का मुद्दा विधानसभा में उठाया, हम सभी चाहते हैं कि दिशा को न्याय मिले। दिशा सालियान के पिता द्वारा दायर याचिका में तीन व्यक्तियों का नाम लिया गया है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उनकी जांच की जानी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में राणे ने कहा कि अगर आदित्य ठाकरे ने कुछ नहीं किया है तो वह जांच से क्यों भाग रहे हैं, उन्हें इसका सामना करना चाहिए। आदित्य ठाकरे कहां हैं? वह कल रात से जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? वह जनता के सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? आदित्य ठाकरे को नैतिक आधार पर विधायक पद से इस्तीफा देना चाहिए। अगर वह बेदाग निकले तो मैं महाराष्ट्र के सामने माफी मांगने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि दिशा सालियान के परिवार को न्याय दिलाना हमारी जिम्मेदारी है। इसमें कोई राजनीति नहीं है।