Sanjay Gaikwad Thrashed Canteen Employee: खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अधिकारियों ने आकाशवाणी विधायक कैंटीन से खाने के नमूने लिए हैं। शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने मंगलवार को यहां खाने की खराब गुणवत्ता का आरोप लगाते हुए एक कैंटीन कर्मचारी की बुरी तरह पिटाई की थी।
महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र (Maharashtra Monsoon Session 2025) के बीच बुलढाणा के शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड एक नए विवाद में घिर गए हैं। मुंबई स्थित आकाशवाणी विधायक निवास की कैंटीन (Akashvani MLA Canteen) द्वारा मंगलवार रात खराब खाना परोसे जाने से नाराज गायकवाड ने एक कर्मचारी की सरेआम पिटाई कर दी। वह तौलिया और बनियान पहने ही कैंटीन में चले गए और कैंटीन कर्मचारी पर थप्पड़-घूसों की बरसात कर दी। इस मारपीट का वीडियो वायरल होते ही सियासी तूफान खड़ा हो गया है।
हालांकि घटना को लगभग 37 घंटे से ज़्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक विधायक संजय गायकवाड के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। वहीं, इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को विधान परिषद में कहा था कि कोई भी जनप्रतिनिधि कानून हाथ में नहीं ले सकता, मारपीट करना सरासर गलत है। उन्होंने शिवसेना विधायक के खिलाफ उचित कार्रवाई का समर्थन भी किया था।
इसके उलट, शिंदे गुट के नेता संजय गायकवाड ने मारपीट को जायज ठहराते हुए कहा, मैंने कुछ गलत नहीं किया है। खराब खाना परोसना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। मैंने कई बार शिकायत की थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, जिसके चलते मैंने यह कदम उठाया। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।
विवाद बढ़ने पर सफाई देते हुए गायकवाड ने कहा, "मैं 30 साल से आकाशवाणी कैंटीन आ रहा हूं और साढ़े पांच साल से यहां रह रहा हूं। मैंने कई बार इन्हें समझाया कि खाना अच्छा दिया करो। अंडे 15 दिन पुराने, नॉन-वेज 15-20 दिन पुराने, सब्ज़ियां 2-4 दिन पुरानी… यहां लगभग 5,000-10,000 लोग खाना खाते हैं, और सबकी यही शिकायत है। किसी के खाने में छिपकली निकलती है, तो किसी के खाने में चूहा निकलता है। मैंने कल रात 10 बजे खाना ऑर्डर किया और पहला निवाला खाते ही मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है…मैं नीचे गया और मैनेजर से पूछा कि ये खाना किसने दिया है। मैंने सबको खाना सुंघाया, और सबको खाना खराब लगा। मैंने उन्हें फिर समझाया कि अच्छा खाना दिया करो, आप लोगों की जान के साथ खेल रहे हैं… हर भाषा में समझाने के बाद भी वह नहीं सुधरे तो मुझे अपने अंदाज में बात करनी पड़ी।"
दूसरी ओर मामला गरमाने के बाद कैंटीन संचालित करने वाली एजेंसी अजंता कैटरर्स का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीँ, अन्न व औषध प्रशासन (FDA) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कैंटीन की गहन जांच की। जांच टीम ने आकाशवाणी विधायक निवास की कैंटीन से खाद्य पदार्थों और तेल के नमूने इकट्ठा किए, जिन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद और भी कार्रवाई संभव है।
एफडीए के एक अधिकारी ने बताया, "पनीर, शेजवान चटनी, तेल और तूर दाल के नमूने लिए गए हैं। इन्हें प्रयोगशाला में भेजा जाएगा और रिपोर्ट 14 दिनों में आएगी।"
इस बीच यह सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि जब खाना खराब था तो लाइसेंस रद्द हुआ, लेकिन मारपीट जैसी गंभीर घटना के बाद भी एक जनप्रतिनिधि पर अब तक कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन आगे क्या कदम उठाता है।