भारतीय निवेशकों के लिए सोना हमेशा से एक महत्वपूर्ण निवेश रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि चांदी को भी अपनी निवेश सूची में शामिल किया जाए।
भारतीय निवेशकों के लिए सोना हमेशा से एक महत्वपूर्ण निवेश रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि चांदी को भी अपनी निवेश सूची में शामिल किया जाए। खासकर चांदी ईटीएफ के साथ। 2024 के साथ आगामी वर्षों में चांदी निवेश पोर्टफोलियो के जोखिम घटाने और लाभ बढ़ाने की क्षमता रखती है, इसलिए इसे निवेश में जगह देना महत्वपूर्ण है। फेडरल रिजर्व की 31 जुलाई की बैठक ने सितंबर में संभावित ब्याज दर कटौती का संकेत दिया था, इसके बाद अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट कमजोर रही और बेरोजगारी के आंकड़े बढ़ गए। इससे चांदी की अपील को समर्थन मिला, क्योंकि कम दरें इसकी अवसर लागत को घटाती हैं। इसके अलावा, मध्य पूर्व में चल रहे तनाव और रूस-यूक्रेन संघर्ष की निरंतरता जोखिम से बचने वाले निवेशकों को चांदी जैसे सुरक्षित संपत्तियों की ओर प्रेरित कर सकती है।
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चांदी का बढ़ता उपयोग मांग को करेगा मजबूत
यह एक बहुमूल्य धातु होने के साथ-साथ औद्योगिक धातु भी है। उदाहरण के लिए, चांदी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और सोलर पैनल जैसी तकनीकों में होता है। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी तकनीकों का बढ़ता उपयोग चांदी की मांग को और मजबूत करेगा। 2021 से चांदी की मांग उसकी आपूर्ति से अधिक रही है, जिससे इसके मूल्य को समर्थन मिला। वर्तमान में सोने से चांदी का अनुपात यह दर्शाता है कि एक औंस जो सोने के बराबर चांदी के कितने औंस की आवश्यकता लगभग 85:1 के करीब है। यह दीर्घकालिक औसत 60:1 से कहीं अधिक है, जो चांदी की कीमत में संभावित वृद्धि का संकेत देता है, जिससे वर्तमान समय निवेश के लिए अनुकूल है।
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एमएफ के माध्यम से सिल्वर ईटीएफ को कर सकते है अनुकूलित
हाल के वर्षों में भारतीयों ने वित्तीय संपत्तियों और म्यूचुअल फंड्स को अपनाया है और अब चांदी जैसी भौतिक वस्तुओं में निवेश को भी म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से अनुकूलित किया जा सकता है। सिल्वर ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक पैसिवली मैनेज्ड म्यूचुअल फंड है, जो भौतिक चांदी और चांदी से संबंधित उपकरणों में निवेश करता है, जिसका उद्देश्य घरेलू चांदी की कीमतों के अनुसार रिटर्न उत्पन्न करना है। एक सिल्वर ईटीएफ का प्रत्येक यूनिट लगभग 1 ग्राम चांदी के बराबर होता है, जिससे निवेशक छोटे मात्रा में धातु पर एक्सपोजर ले सकते हैं। सिल्वर ईटीएफ के यूनिट्स शेयरों की तरह एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं, जो निवेशकों को मूल्य पारदर्शिता प्रदान करते हैं। निवेशक डीमेट अकाउंट का उपयोग करके बाजार के घंटों में सिल्वर ईटीएफ के यूनिट्स खरीद या बेच सकते हैं। ईटीएफ यूनिट्स के रूप में वस्तु को रखने से निवेशक को अधिक तरलता मिलती है।
सिल्वर ईटीएफ चांदी में निवेश का इनोवेटिव तरीका
सिल्वर ईटीएफ द्वारा चांदी में निवेश करने का इनोवेटिव तरीका प्राप्त होता है। लेकिन, सिल्वर ईटीएफ में निवेश करने से पहले फंड के आकार और ट्रेडिंग वॉल्यूम को देख लेना चाहिए। आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल एएमसी के प्रिंसिपल इन्वेस्टमेंट स्ट्रेट्जी चिंतन हरिया का कहना है कि इससे आपको यह पता चल सकेगा कि ईटीएफ होल्डिंग्स कितनी आसानी से लिक्विडेट की जा सकती हैं। ईटीएफ का एक्सपेंस अनुपात जितना कम होता है, निवेशकों को उतना ही ज्यादा लाभ मिलता है। इसके अलावा, कम ट्रैकिंग त्रुटि वाले ईटीएफ ज्यादा अच्छा रिटर्न प्रदान करते हैं। हाल ही के बजट में दीर्घ अवधि के पूंजी लाभ के लिए सिल्वर ईटीएफ का टैक्सेशन घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा पूंजी लाभ के लिए 12 महीनों की अवधि को दीर्घ अवधि निर्धारित कर दिया गया। इसलिए चांदी में निवेश करने के लिए सिल्वर ईटीएफ एक स्मार्ट तरीका बन गया है। आज सोना और चांदी, दोनों ही भारतीयों के लिए निवेश के अच्छे विकल्प हैं। अमेरिकी ब्याज दरों में कमी की संभावना, भू-राजनीतिक तनाव और चांदी की दोहरी औद्योगिक और कीमती भूमिकाओं के साथ, सिल्वर ईटीएफएक सुविधाजनक और कर-कुशल निवेश प्रदान करते हैं। एसेट एलोकेशन के तहत, हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे अपने पोर्टफोलियो का 10 प्रतिशत सोने में और 5 प्रतिशत चांदी में आवंटित करें।