मुजफ्फरनगर

नेमप्लेट विवाद को लेकर एनडीए में बगावत, जयंत चौधरी बोले- क्या कुर्ते पर भी नाम लिखवा लें ताकि…

Nameplate Controversy: कांवड़ यात्रा को लेकर केंद्रीय मंत्री और एनडीए के सहयोगी जयंत चौधरी ने योगी सरकार के फैसले का विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि अब कहां- कहां नाम लिखें? क्या कुर्ते पर भी नाम लिखना शुरू कर दें, ताकि देख कर हाथ मिलाएं या फिर गले लगें।

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Nameplate Controversy: कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले का अब विरोध होने लगा है। राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह निर्णय वापस लेना चाहिए।

मुजफ्फरनगर पहुंचे रालोद अध्यक्ष ने कहा, “हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुद्दे को लेकर पहले ही बयान दे दिया है। मेरा भी यही स्टैंड है। सभी लोग कांवड़ियों की सेवा करते हैं। कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती। धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता है। इस मामले को धर्म और जाति से नहीं जोड़ना चाहिए।”

सरकार ने सोच- समझकर नहीं लिया फैसला

जयंत चौधरी ने मैकडॉनल्ड और बर्गर का जिक्र करते हुए कहा, “मालिक और ब्रांड का नाम अलग-अलग हो सकता है। इसलिए सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं। मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या हैं? पुराने ब्रांड हैं, एक या उससे अधिक मालिक हो सकते हैं। सरकार ने यह फैसला ज्यादा सोच- समझकर नहीं लिया है।”

‘कुर्ते पर भी लिखवा लें नाम, ताकि देख कर हाथ मिलाएं या फिर गले लगें'

आरएलडी प्रमुख ने हिंदू और मुस्लिमों को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अगर किसी होटल पर शाकाहारी खाना बन रहा है तो वही बनना चाहिए। इस बात से मतलब नहीं होना चाहिए कि खाना कौन बना रहा है। कुछ मुसलमान शाकाहारी हैं तो कुछ हिंदू मांसाहारी भी मिल जाएंगे। अब कहां-कहां नाम लिखें? क्या कुर्ते पर भी नाम लिखना शुरू कर दें, ताकि देख कर हाथ मिलाएं या फिर गले लगें।

बता दें कि योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों और रेहड़ी-पटरी के बाहर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है। इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है।

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