डेगाना (नागौर) कहते हैं, बेटियां बेटों से कम नहीं है। अगर, महिलाओं को उचित अवसर मिलें तो वह है किसी भी मंजिल को पार कर सकती है।
डेगाना (नागौर) कहते हैं, बेटियां बेटों से कम नहीं है। अगर, महिलाओं को उचित अवसर मिलें तो वह है किसी भी मंजिल को पार कर सकती है। इन्हीं पंक्तियों के साथ डेगाना में पली बढ़ी व पढ़ाई करके बड़ी हुई इशिता सांगवान पुत्री चरणसिंह सांगवान ने सफलता की सीढ़ियां पार कर ली है।
डेगाना शहर में पढ़ी इशिता सांगवान ने 3 साल की रक्षा अकादमी में ट्रेनिंग प्राप्त की है। अब रक्षा क्षेत्र में महिलाओं के पहले बैच की देश में प्रथम महिला बैच में इशिता सांगवान एनडीए की महिला कैडेटों के साथ हिस्सा बनी है। डेगाना में कक्षा 10 व कक्षा 12 वीं तक की पढ़ाई की थी, यहीं वह पली बढ़ी। मूल रूप से गांव छपार, हरियाणा की रहने वाली हैं।
इशिता के लिए जेईई की तैयारी के दौरान उनके पिता का एक फोन कॉल उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। पिता राना इंटरनेशनल में प्रिंसिपल रहे। मां अनिता सांगवान शिक्षिका है। जेईई की पढ़ाई के समय जब उन्होंने फोन उठाया तो पिता ने कहा महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हो सकती हैं। इशिता ने 16 अन्य महिला कैडेट व 300 से अधिक सेना कैडेट के साथ पासिंग आउट की।