केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को एक बार फिर से शुरू किया है। इस बार यह योजना ‘प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0’ के नाम से लागू की गई है।
मेड़ता सिटी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को एक बार फिर से शुरू किया है। इस बार यह योजना ‘प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0’ के नाम से लागू की गई है। योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्ग के परिवारों को पक्के मकान के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता देना है। पीएम आवास योजना 2.0 के तहत मेड़ता नगरपालिका क्षेत्र में अब तक 280 आवेदन प्राप्त हो गए हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 1.0 के तहत लाभार्थियों को 1.5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती थी। अब संशोधित योजना में पात्र परिवारों को मकान निर्माण के लिए 2.5 लाख रुपए तक की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जा रही है। यह योजना केवल शहरी क्षेत्रों के लिए है और इसका लाभ वे परिवार उठा सकते हैं, जिनके पास कच्चा मकान है या खाली भूखंड है, लेकिन वे आर्थिक कारणों से पक्का मकान नहीं बना पा रहे हैं।
सरकार की यह योजना ऐसे परिवारों के लिए सुनहरा अवसर है, जो वर्षों से अपने खुद के पक्के घर का सपना देख रहे थे। पात्र लाभार्थी योजना का लाभ उठाकर अपना मकान बनवा सकते हैं। मेड़ता नगरपालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत अब तक 280 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 28 को अमान्य मानते हुए 3 की अभी तक जियो टैगिंग हुई है।
पालिका में पीएम आवास योजना 2.0 के प्रभारी अविनाश ने बताया कि दूसरे चरण की योजना के तहत अब तक 280 आवेदन मिले हैं। जिसमें से 35 का वेरिफिकेशन हुआ है। जबकि 28 को रिजेक्ट कर दिया गया है। स्कीम के तहत अब तक 3 आवेदनों के लाभार्थियों की जियो टैगिंग की गई है। अनुदान राशि में सीधे 1 लाख रुपए की बढ़ोतरी के बाद जरूरतमंद लोगों के आवेदन करने की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 के तहत मेड़ता नगरपालिका क्षेत्र में 275 मकानों का निर्माण होना है। जिनमें से अब तक 140 मकान बनकर तैयार हो गए हैं। वहीं अन्य 135 मकानों के निर्माण का कार्य जारी है। यह मकान शहरी क्षेत्र में अलग-अलग जगह बन रहे हैं। जिनमें से अधिकांश का निर्माण लगभग पूरा हो गया है और कोई शुरूआत स्टेज पर है।
वे परिवार जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपए से कम है।
जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है।
जिनका मकान या प्लॉट नगरपालिका के अधिकृत क्षेत्र में स्थित है।
जिनके पास जमीन के वैध मालिकाना दस्तावेज है।
जो गरीबी रेखा के नीचे आते हो।
आधार कार्ड
जमीन के वैद्य दस्तावेज (पट्टा आदि)
आय प्रमाण पत्र (3 लाख रुपए से कम आय का)
घोषणा कि परिवार के किसी सदस्य के नाम देश में अन्यत्र कोई पक्का मकान नहीं है।
नगर निगम क्षेत्र का निवासी होने का प्रमाण।