नागौर

वीडियो : कानून व्यवस्था को दिखा रहे ठेंगा : गृह विभाग के आदेशों को धत्ता बताकर बांसवाड़ा पुलिस ने पकड़े बैल, अब कलक्टर कटवा रहे चक्कर

मेड़ता सिटी के बलदेव पशु मेले से खरीदे गए बैलों व वाहनों को छुड़ाने की मांग, रवन्ना पर्ची व चिकित्सा प्रमाण पत्र के बावजूद पशुपालकों को किया जा रहा परेशान, जिम्मेदार बने मूकदर्शक, भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने राज्य मंत्री को ज्ञापन सौंपकर की बैलों को छुड़ाने की मांग

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Jun 20, 2025

नागौर. जिले के मेड़ता सिटी में गत अप्रेल माह में भरे राज्य स्तरीय बलदेव पशु मेले से खरीदे गए सैकड़ों बैलों व उनका परिवहन करने वाले ट्रकों को छुड़ाने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर दिया जा रहा धरना गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बैनर तले दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने में शामिल जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड़ ने बताया कि मेले से खरीदे गए बैलों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव महेन्द्र कुमार खिंची ने 13 अप्रेल को प्रदेश के महानिदेशक पुलिस को पत्र लिखा था। उसके बाद नागौर से पुलिस एस्कोर्ट में बैलों से भरी गाडि़यों को रवाना किया गया, लेकिन बांसवाड़ा में कुछ उपद्रवियों ने पुलिस की मौजूदगी में गाडि़यों को रुकवाकर बैलों को गोशाला में खाली करवा दिया। पुलिस ने भी सरकार के आदेशों को धत्ता बताकर वाहन चालकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर जेल भिजवा दिया, जो अन्याय है, जबकि हकीकत यह है कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले पशुपालक यहां से पशु कृषि कार्य के लिए खरीदकर ले जाते हैं।

जाट समाज समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने कहा कि पशुपालन विभाग के साथ पुलिस और प्रशासन की अनुमति के बावजूद यदि कोई तथाकथित गोभक्त पशुपालकों व किसानों को परेशान करता है तो कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान है। यदि सरकार ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो नागौरी नस्ल के गोवंश पर संकट आ जाएगा और किसानों और पशुपालकों की एक बड़ी आय का स्रोत बंद हो जाएगा। यूनियन के उपाध्यक्ष प्रेमसुख जाजड़ा ने कहा कि उपद्रवियों ने ट्रक चालकों के साथ मारपीट कर गाड़ियों में रखे त्रिपाल, जैक, चार्जर सहित अन्य समान लूट लिया और कांच तोड़ दिए, इसके बावजूद पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए नियमानुसार पशु परिवहन करने वाले चालकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए, जिसके कारण उन्हें 28 दिन जेल में रहना पड़ा। यह सरासर अन्याय है। गाड़ियों और बैलों को छोड़ा जाकर वास्तविक मालिक को सौंपा जाए।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष लोमरोड़ के नेतृत्व में ट्रक चालकों व किसान प्रतिनिधियों ने मंगलवार को राज्य मंत्री विजयसिंह चौधरी व जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित को ज्ञापन सौंपकर ट्रकों व बैलों को छुड़ाने की मांग की।

किसान प्रतिनिधियों ने कहा - पशुपालन विभाग की देखरेख में खरीदे गए बैलों को रोकना उचित नहीं

नागौर जिले के मेड़ता सिटी के बलदेव पशु मेले से खरीदकर ले जाए जा रहे बैलों से भरे 47 वाहन बांसवाड़ा पुलिस की और से जब्त करने के विरोध में बुधवार को नागौर कलक्ट्रेट के आगे पशुपालकों के समर्थक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड़ ने बताया कि पुलिस की ओर से जब्त किए गए 47 वाहन और बैल छुड़ाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि नागौरी नस्ल के बैल कृषि कार्य के लिए ही खरीदे जाते हैं, न कि काटने के लिए, क्योंकि इन बैलों की उपयोगिता कृषि कार्य में ज्यादा है, न कि मांस के लिए। यदि सरकार ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो नागौरी नस्ल के गोवंश पर भारी संकट आ जाएगा। उपाध्यक्ष प्रेमसुख जाजड़ा ने कहा कि गत 13 अप्रेल को नागौर जिला प्रशासन की अनुमति से मेड़तासिटी से 47 गाड़ियों में किसानों के बैल भरकर पुलिस एस्कोर्ट के साथ वैध कागजात सहित मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुए, परंतु बांसवाड़ा में पुलिस ने वाहनों को रुकवाकर बैलों को गोशाला में खाली करवा दिया। पहले तो पुलिस अधिकारी छोड़ने का आश्वासन देते रहे, लेकिन 4 दिन बाद तथाकथित गोरक्षकों के दबाव में उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया। अब वाहन मालिक व पशुपालक कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन न तो बैल छोड़े जा रहे हैं और न ही वाहन। जाट समाज समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात के बावजूद कोई परिणाम नहीं निकला है। गाड़ियों और बैलों को छोड़ा जाकर वास्तविक मालिक को सौंपा जाए। किसान यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने नागौर कलक्टर नागौर के माध्यम से उपराष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, किसान आयोग के अध्यक्ष सीआर चौधरी सहित जिले के अन्य भाजपा विधायकों एवं नेताओं को ज्ञापन सौंपे हैं। बुधवार को भी कलक्टर को ज्ञापन दिया गया।

मेड़ता मेले से खरीदे बैल बांसवाड़ा में रोके दो महीने हुए, अब तक नहीं छूटे

नागौर जिले के मेड़ता सिटी में आयोजित राज्य स्तरीय बलदेव पशु मेले से खरीदकर ले जाए जा रहे बैलों को बांसवाड़ा में रुकवाए हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है, जबकि पशुपालकों के पास मेला अधिकारी की रवन्ना पर्ची व पशु चिकित्साधिकारियों की ओर से जारी पशुओं के चिकित्सा प्रमाण पत्र हैं। इसके बावजूद पशुपालकों व परिवहन करने वाले ट्रक चालकों को परेशान किया जा रहा है और सरकार में बैठे जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड़ ने बताया कि बांसवाड़ा पुलिस की ओर से जब्त किए गए 47 वाहनों में सैकड़ों बैल भरे हुए थे, जो करीब दो महीने पहले 13 अप्रेल को नागौर जिला प्रशासन की अनुमति से मेड़तासिटी से पुलिस एस्कॉर्ट के साथ वैध कागजात सहित मध्य प्रदेश के लिए रवाना किए गए थे, लेकिन बांसवाड़ा में पुलिस ने कुछ लोगों की शिकायत पर गोशाला में चारा व पानी का बोलकर गाड़ियां खाली करवा दी और 3-4 दिन तक पुलिस ने किसानों व ट्रक चालकाें को गुमराह किया कि आपके कागजात एकदम सही है, आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन 4 दिन बाद में उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया। 28 दिन की जेल काटकर जमानत पर बाहर आने के बाद से अब तक गाड़ियों को छुड़ाने के लिए गाड़ी मालिक 7 बार बांसवाड़ा जा चुके हैं और बांसवाड़ा जिला कलक्टर इंद्रजीत यादव की ओर से मई और जून में 7 तारीखें दी जा चुकी हैं, फिर भी गाड़ियां छोड़ने का निर्णय नहीं किया जा रहा है। अंतिम तारीख 16 जून को थी, लेकिन मौखिक रूप से फिर से 20 जून बढ़ा दी। लोमरोड़ ने आरोप लगाया कि उन्हें डराने एवं दबाव में लेने के लिए गाड़ी मालिकों को लाखों रुपए के अवैधानिक रूप से जुर्माने के नोटिस न्यायालय में गोशालाओं की ओर से दिए जा रहे हैं।

मंत्री व कलक्टर को सौंपे ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष लोमरोड़ के नेतृत्व में ट्रक चालकों व किसान प्रतिनिधियों ने मंगलवार को राज्य मंत्री विजयसिंह चौधरी व जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित को ज्ञापन सौंपकर ट्रकों व बैलों को छुड़ाने की मांग की। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और सरकार के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात के बावजूद अब तक कोई परिणाम नहीं निकला है। गाड़ियों और बैलों को छोड़ा जाकर वास्तविक मालिक को सौंपा जाए। जिला उपाध्यक्ष प्रेमसुख जाजड़ा ने बताया कि आज गाड़ियों व बैलों को छोड़ा नहीं किया गया तो मजबूरन 18 जून से नागौर कलक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। मंत्री चौधरी व कलक्टर ने बांसवाड़ा कलक्टर से बात कर गाड़ियांछोड़ने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने के दौरान कैलाश, समरसिंह, ओमाराम, प्रतापदान, शेर मोहम्मद, विजेंद्रसिंह, तेजपाल, बलवीर, सरवन सिंह, मानकचंद माचरा आदि शामिल रहे।

ये हुए धरने में शामिल

गुरुवार को धरने में पूर्व प्रधान अखाराम बागड़िया, प्रतापदान, माणकचन्द, श्रवण सिंह, सोहन सिंह, देवीलाल, मोनू, प्रवीन कुमार, नैदीत व राजपाल, ओमाराम, रामदेव, कैलाशराम, मादाराम व माणकराम, गोदाराम, सुमेरसिंह, महेन्द्रसिंह, स्वरुपसिंह, तेजपाल, सीताराम सियाग, विजेन्दसिंह, ओमप्रकाश भाकल, छोटाराम बुगासरा, ओमप्रकाश सेन, हमीद गौरी व मास्टर हमीद शामिल हुए।

Published on:
20 Jun 2025 11:09 am
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