सर्द और अंधेरी रातों में बढ़ता खतरा मवेशी और अमानक स्पीड ब्रेकर बन रहे हादसों की वजह
increasing dangers
सर्दी के मौसम में जब रातें और अधिक अंधेरी हो जाती हैं, तब शहर की सडक़ों पर जानलेवा खतरे भी बढ़ जाते हैं। कहीं सडक़ों पर मुंह उठाए खड़े आवारा मवेशी तो कहीं अमानक तरीके से बनाए गए स्पीड ब्रेकर, लगातार दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। खासकर नरसिंहपुर के टट्टा पुल खेरी नाका से लेकर शहर के मंडी तिराहा तक का मुख्य मार्ग इन दिनों हादसों का ब्लैक स्पॉट बनता जा रहा है, लेकिन सुधार के नाम पर नगर पालिका की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
बताया जा रहा है कि इस मार्ग पर रात के समय भारी वाहनों के साथ.साथ दोपहिया और पैदल राहगीरों की आवाजाही बनी रहती है। स्ट्रीट लाइटें कई स्थानों पर खराब पड़ी हैं, जिससे सडक़ पर खड़े मवेशी दूर से दिखाई नहीं देते। अचानक सामने आ जाने से वाहन चालकों को संभलने का मौका नहीं मिल पाता और दुर्घटना हो जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार बीते कुछ महीनों में इस मार्ग पर कई छोटे.बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें लोग घायल हुए हैं।
दूसरी ओर सडक़ पर बनाए गए स्पीड ब्रेकर भी मानकों के अनुरूप नहीं हैं। कहीं बहुत ऊंचे तो कहीं बिना किसी चेतावनी संकेत के बने स्पीड ब्रेकर वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। रात के समय जब दृश्यता कम होती है, तब ये अमानक स्पीड ब्रेकर दुर्घटनाओं की मुख्य वजह बन जाते हैं। कई बार अचानक ब्रेकर आने से वाहन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे चालक और सवारियां घायल हो जाती हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस पूरे मार्ग को पहले ही ब्लैक स्पॉट घोषित किया जा चुका है, बावजूद इसके न तो मवेशियों की समस्या का स्थायी समाधान किया गया और न ही स्पीड ब्रेकरों को दुरुस्त किया गया। नगर पालिका को कई बार शिकायतें दी गईं। लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। लोगों ने मांग की है कि मुख्य मार्ग पर नियमित रूप से मवेशियों को हटाने की व्यवस्था की जाएए खराब स्ट्रीट लाइटों को तुरंत ठीक कराया जाए और स्पीड ब्रेकरों को मानक के अनुसार बनाया जाए। जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते। तब तक सर्द और अंधेरी रातों में यह मार्ग राहगीरों के लिए खतरे का रास्ता बना रहेगा।