मूंग दाल से लेकर पार्टिकल बोर्ड तक, इकाइयां बढ़ा रहीं जिले की पहचान कलेक्टर का औद्योगिक दौरा, चांवरपाठा में तैयार हो रहे इंडस्ट्रियल एरिया का लिया जायजा
Collector conducted an industrial tour
जिले में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को मजबूत करने और स्थानीय उद्यमों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कलेक्टर तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने उद्योग विभाग की प्रोत्साहन योजना के तहत लाभान्वित इकाइयों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने इकाइयों की उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता, बाजार विस्तार और निर्यात क्षमता का व्यापक अवलोकन किया।
कलेक्टर ने सबसे पहले करेली स्थित ओजस फ ूड्स का निरीक्षण किया। जहां आधुनिक मशीनरी के माध्यम से दाल प्रोसेसिंग का कार्य संचालित हो रहा है। यह इकाई विशेष रूप से मूंग दाल का प्रोसेसिंग कर दक्षिण भारत के कई राज्यों में आपूर्ति करती है। उत्पाद की गुणवत्ता और निरंतर बढ़ते बाजार को देखते हुए कलेक्टर ने इकाई की कार्यप्रणाली की सराहना की और इसे जिले की मॉडल यूनिट बताया।
दौरे में दूसरी इकाई ट्रीली एग्रो पैनल का निरीक्षण किया गया। जो गन्ने के बगास से पार्टिकल बोर्ड का निर्माण करती है। यह इको-फ्रें डली उत्पाद न केवल देश के विभिन्न राज्यों में, बल्कि नेपाल सहित कई अन्य देशों में भी निर्यात किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की इकाइयां जिले के औद्योगिक परिदृश्य को नई दिशा दे रही हैं।इस दौरान उद्योग विभाग के महाप्रबंधक पंकज सिंह पटेल सहित दोनों इकाइयों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
इसके बाद कलेक्टर ने चांवरपाठा में विकसित किए जा रहे एमपीआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र का भी स्थल निरीक्षण किया। यहाँ एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक अनिल कुमार राठौर ने क्षेत्र के लेआउट, विकसित हो रही अवसंरचना और भविष्य की औद्योगिक संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिले में औद्योगिक विकास हेतु चिन्हित भूमि और आगामी कार्ययोजना भी प्रस्तुत की गई।कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्यों को यथाशीघ्र पूरा किया जाए और भू.आवंटन प्रक्रिया के लिए आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित की जाएं,ताकि निवेशकों को बेहतर सुविधा मिल सके।
नेपाल तक जा रहा पार्टिकल बोर्ड
दौरे में दूसरी इकाई ट्रीली एग्रो पैनल का निरीक्षण किया गया। जो गन्ने के बगास से पार्टिकल बोर्ड का निर्माण करती है। यह इको-फ्रें डली उत्पाद न केवल देश के विभिन्न राज्यों में, बल्कि नेपाल सहित कई अन्य देशों में भी निर्यात किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की इकाइयां जिले के औद्योगिक परिदृश्य को नई दिशा दे रही हैं।इस दौरान उद्योग विभाग के महाप्रबंधक पंकज सिंह पटेल सहित दोनों इकाइयों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण
इसके बाद कलेक्टर ने चांवरपाठा में विकसित किए जा रहे एमपीआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र का भी स्थल निरीक्षण किया। यहाँ एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक अनिल कुमार राठौर ने क्षेत्र के लेआउट, विकसित हो रही अवसंरचना और भविष्य की औद्योगिक संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिले में औद्योगिक विकास हेतु चिन्हित भूमि और आगामी कार्ययोजना भी प्रस्तुत की गई।कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्यों को यथाशीघ्र पूरा किया जाए और भू.आवंटन प्रक्रिया के लिए आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित की जाएं,ताकि निवेशकों को बेहतर सुविधा मिल सके।