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1984 सिख दंगा: अकाल तख्त जत्थेदार बोले- ‘हमारी नजर में अमिताभ बच्चन आरोपों से बरी’

सिख दंगा को लेकर अक्सर अमिताभ बच्चन पर अक्सर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। अब अकाल तख्त के जत्थेदार कुलदीप सिंह गरगज्ज का बयान आया है।

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Nov 02, 2025
अमिताभ बच्चन की फोटो। (फोटो सोर्स: @amitabhbachchan)

1984 Sikh riots: अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज (Kuldeep Singh Gargajj) ने कहा कि साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में एक्टर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सिख समुदाय की नजर में दोषमुक्त हैं, क्योंकि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की सरकाय या उसकी एजेंसियों ने कभी जांच नहीं की। गरगज्ज ने कहा कि अमिताभ बच्चन ने सालों पहले एक पत्र लिखकर खुद को आरोपों से बचाने की कोशिश की थी।

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दोसांझ ने अमिताभ के छुए पैर

हाल ही में एक टीवी शो के दौरान पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ ने अमिताभ बच्चन के पैर छुए थे। गरगज्ज ने इस पर कहा कि ऐसी हरकतों से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों और कांग्रेस नेताओं के नाम 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े हैं, उनका सिख समुदाय को सामाजिक और नैतिक रूप से बॉयकॉट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके साथ जुड़ना सिख समुदाय के गहरे जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा होगा। गरगज्ज ने कहा कि सिख समुदाय को न्याय अभी भी नहीं मिल रहा है। सिख नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। कई सीनियर कांग्रेस नेता आज भी आजाद हैं।

सिख कभी नहीं भूल सकते हैं

गरगज्ज ने आगे कहा कि 1984 का दंगा न तो सिख कभी भूल सकते हैं और न ही माफ कर सकते हैं। वह इस जघन्य वारदात को बर्दाश्त भी नहीं कर सकते हैं। सिखों ने कई बार होलोकॉस्ट झेला है, लेकिन उनमें हाईस्प्रिट बरकरार है। आज, सिख समुदाय अपनी मज़बूती की भावना के साथ, श्री गुरु नानक देव के पवित्र संदेश को दुनिया भर में फैला रहा है और ईमानदारी, लगन और समझदारी से सम्मान कमा रहा है।

साल 2011 में अमिताभ ने लिखा था पत्र

अमिताभ बच्चन ने साल 2011 में अकाल तख्त को पत्र में लिखा था, '1984 सिख कत्लेआम के दौरान उनके विरुद्ध हिसा भड़काने में उनकी शामिल होने के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। इन आरोपों ने उन्हें काफी दुख पहुंचाया है। वह यह पत्र काफी दुखी होकर लिख रहे हैं।' उन्होंने नेहरु परिवार के साथ संबंध रहने के बारे में लिखा था कि सिख विरोधी दंगों की घटना देश के इतिहास में हमेशा एक धुंधला और काला अध्याय रहेगी। वे कभी सिखों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते क्योंकि उनका परिवार उन्हें सिख कौम के बारे में बताता रहा है। बच्चने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया था कि उनकी मां तेजी बच्चन एक सिख परिवार से थीं और वह और उनका परिवार सिख सिद्धांतों और रीति-रिवाजों से पूरी तरह वाकिफ थे।

Updated on:
02 Nov 2025 02:16 pm
Published on:
02 Nov 2025 08:58 am
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