दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर की शाम IED विस्फोट में 13 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए। फॉरेंसिक जांच में अमोनियम नाइट्रेट आधारित विस्फोटक और फरीदाबाद मॉड्यूल से लिंक मिलने की आशंका है।
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर की शाम हुए भीषण धमाके ने राजधानी को दहला दिया है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम घटनास्थल से 40 से ज्यादा सबूत इकट्ठा कर चुकी है, जिनमें क्षतिग्रस्त वाहन अवशेष, मानव अंगों के टुकड़े और विस्फोटक के नमूने शामिल हैं। प्राथमिक जांच में एक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट से जुड़ा पाया गया, जो फरीदाबाद से बरामद 360 किलो सामग्री से मिलता-जुलता है।
सोमवार शाम करीब 6:55 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी एक सफेद हुंडई i20 कार में अचानक जोरदार धमाका हो गया। चश्मदीदों के अनुसार, धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग कान बंद करके भागे। आग की लपटों ने तीन अन्य वाहनों को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिससे 50 मीटर के दायरे में तबाही मच गई। मेट्रो स्टेशन के कांच टूट गए, पास की दुकानों के शीशे चटक गए और सड़क पर खून व धुएं का गुबार छा गया।
पुलिस के अनुसार, यह एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का विस्फोट था, जो गलत तरीके से तैयार किया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "बम प्रीमैच्योर था और पूरी तरह विकसित नहीं हुआ, इसलिए नुकसान सीमित रहा। विस्फोट से कोई गड्ढा नहीं बना और न ही छर्रे या प्रोजेक्टाइल मिले।" CCTV फुटेज से पता चला कि कार को अकेले एक संदिग्ध व्यक्ति चला रहा था, जिसकी पहचान पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद से हो रही है। यह आत्मघाती हमला हो सकता है, क्योंकि मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद वह भागने की कोशिश में फंस गया।
FSL की विशेष टीम 24 घंटे काम कर रही है। घटनास्थल से दो कारतूस, एक जिंदा गोला-बारूद और दो अलग-अलग विस्फोटक मिले हैं। एक नमूना अमोनियम नाइट्रेट से जुड़ा लगता है, जो सोमवार को ही फरीदाबाद में अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े डॉ. मुज़म्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद की गिरफ्तारी के दौरान 360 किलो की मात्रा में बरामद हुआ था। दूसरा विस्फोटक इससे ज्यादा शक्तिशाली माना जा रहा है, जिसकी पुष्टि विस्तृत फॉरेंसिक विश्लेषण के बाद होगी।
अधिकारी ने कहा, "टीम ने वाहन के क्षतिग्रस्त अवशेष और मानव शरीर के अंगों के सैंपल लिए हैं। इन पर रसायनों का परीक्षण होगा।" कुल 40 से ज्यादा सैंपल एकत्र हो चुके हैं, और रिपोर्ट जल्द सौंपी जाएगी। जांच UAPA और Explosives Act के तहत चल रही है, जिसमें NIA और NSG की टीमें जुटी हैं। फरीदाबाद मॉड्यूल से 2,500 किलो IED सामग्री, हथियार और टाइमर भी बरामद हुए, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हो सकते हैं।
धमाके की भयावहता का अंदाजा मानव अवशेषों से लगाया जा सकता है। पुलिस को एक ऐसी बॉडी मिली, जिसका सिर गायब था। अन्य टुकड़ों में उंगलियों के विकृत टुकड़े, पेट का कटा हिस्सा और हड्डी-मांस के अवशेष शामिल हैं। एक पेड़ पर लटका शव भी बरामद हुआ। इनकी पहचान बिना DNA टेस्ट के मुश्किल है।
धमाके के बाद दिल्ली हाई अलर्ट पर है। गाजीपुर, सिंधु, टीकरी और बदरपुर बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों के साथ भारी पुलिस तैनाती है। वाहनों की गहन जांच चल रही है। बाजारों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे टर्मिनलों और पर्यटन स्थलों पर रैंडम चेकिंग हो रही। लाल किला 13 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद है, और मेट्रो स्टेशन के दो गेट सील हैं।