Stampede in Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ में 17 श्रद्धालुओं की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
Stampede in Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ में 17 श्रद्धालुओं की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। श्रद्धालु और आम लोग प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं। ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कई लोगों ने महाकुंभ में अव्यवस्थाओं के वीडियो और तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें श्रद्धालुओं की भीड़ को बिना किसी नियंत्रण के धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई लोग मेला क्षेत्र की सुरक्षा सेना के हवाले करने की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लोगों का कहना है कि आम भक्त बेतरतीब भीड़ और अव्यवस्था से जूझते रहे। कई यूजर्स ने सरकार को ‘प्रचार में व्यस्त, व्यवस्था में लापरवाह’ बताया। अखाड़ा परिषद के संतों और श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि यदि सुरक्षा के बेहतर इंतजाम होते, तो इस हादसे को टाला जा सकता था।
Prabhakar Kumar नाम के एक यूजर ने लिखा, यह घटना बहुत दुखद है। महाकुंभ में भगदड़ मचने की खबर आ रही है। सभी से निवेदन है कि आप अपना ख्याल रखें।
वहीं hell_geeks यूजर ने प्रशासन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सब पैसा एडवर्टाइजमेंट और गोदी मीडिया में खर्चा किया गया तो ये होना ही था व्यस्था में कोई ध्यान नहीं दिया सरकार ने।
A.K. Stalin नाम के एक यूजर ने लिखा, आज किसी का बेटा चला गया, किसी का पिता, किसी का सुहाग उजड़ गया… ये सिर्फ एक खबर नहीं, किसी के पूरे जीवन का अधूरा हो जाना है। निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है! VIP संस्कृति में डूबे अधिकारी सिर्फ ख़ास मेहमानों की जी-हुज़ूरी में लगे रहे, लेकिन आम श्रद्धालुओं के लिए कोई इंतज़ाम नहीं!
क्या सरकार सिर्फ दिखावे के लिए कुंभ मेला आयोजित कर रही थी? क्या उन मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं थी? यह हादसा व्यवस्था की सबसे बड़ी हार है। ईश्वर उन दिवंगत आत्माओं को शांति दे… लेकिन इस लापरवाही को भूलना नहीं चाहिए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम नोज पर अचानक धक्का-मुक्की बढ़ने लगी और लोग संतुलन खो बैठे। सुरक्षा बल हालात संभालने में नाकाम रहे और भगदड़ के कारण कई श्रद्धालु नीचे गिर गए, जिससे कई की दम घुटने या कुचलने से मौत हो गई।