अहमदाबाद में 19 अक्टूबर 1988 को Indian Airlines का प्लेन क्रैश हो गया था। विजिबिलिटी लो थी, इस कारण पायलट को लैंडिंग में दिक्कत हुई थी।
Gujarat के अहमदाबाद एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुआ Air India Plane Crash बहुत भयावह घटना थी। प्लेन में सवार 254 लोगों के अलावा जिस इमारत पर प्लेन गिरा, वहां भी कई डॉक्टरों की जान जाने का अंदेशा है। अभी राहत और बचाव कार्य चल रहा है। इससे पहले भी बड़े प्लेन क्रैश हुए हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई है। इनमें अहमदाबाद में ही 1988 का वो विमान हादसा याद आ जाता है, जिसमें 133 लोगों की जान चली गई थी।
अहमदाबाद में 19 अक्टूबर 1988 को Indian Airlines का प्लेन क्रैश हो गया था। उस हादसे में 133 लोग मारे गए थे। दरअसल विजिबिलिटी लो थी, इस कारण पायलट को लैंडिंग में दिक्कत आ रही थी। इससे प्लेन रनवे पर उतरने से पहले ही क्रैश हो गया। प्लेन क्रैश होने और विस्फोट के बाद सिर्फ दो ही लोग बच पाए थे। यह हादसा 12 जून 2025 के क्रैश से काफी मिलता-जुलता है। दोनों हादसे Ahmedabad Airport के पास ही हुए हैं। एक ही एयरपोर्ट के पास दोबारा हादसा होना मौसम की जानकारी देने वाले उपकरण, पायलट नैविगेशन सिस्टम पर संदेह जताते हैं।
7 अगस्त 2020 को दुबई से आ रही Air India की फ्लाइट कोझिकोड के टेबलटॉप रनवे पर फिसल कर 30 फुट गहरे गड्ढे में जा गिरी थी। इससे विमान दो टुकड़ों में बंट गया था। दोनों पायलट तत्काल मारे गए थे। जबकि 100 से ज्यादा विमान यात्री घायल हुए थे। हादसे का कारण भारी बारिश से विजिबिलिटी काफी कम होना था। इससे विमान ठीक से लैंड नहीं कर पाया था। इसमें 21 लोगों की जान चली गई थी।
दुबई जा रही फ्लाइट मंगलुरु के टेबलटॉप रनवे पर क्रैश हो गई थी। प्लेन लैंडिंग के समय रनवे पर फिसल गया था और खाई में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 158 लोगों की मौत हो गई थी। सिर्फ 8 लोग ही जिंदा बच पाए थे।
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पटना में हुआ विमान हादसा बिहार के इतिहास में सबसे दर्दनाक प्लेन क्रैश था। विमान आबादी वाले इलाके में गिरा था। क्रैश के पीछे कारण फ्लाइट क्रू के बीच खराब समन्वय और अधूरी ट्रेनिंग था। इस हादसे में 60 लोग मारे गए थे।
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चरखी दादरी विमान हादसे ने पूरे देश के Air Traffic Control System को हिला दिया था, जब हवा में दो विमान टकरा गए थे। इस हादसे में 92 लोग मारे गए थे। इससे भारत के नागरिक उड्डयन अफसरों को लैंडिंग प्रोसीजर और सिमुलेटर ट्रेनिंग की समीक्षा करने को मजबूर होना पड़ा था।