HIV: भारत में नाको (NACO) अपना AI मॉडल लॉन्च कर रहा है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष 2026 की समाप्ति तक 1 लाख लोगों को अलर्ट कर पाएगा। इस बारे में दुनिया में क्या हो रहा है, जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें।
HIV / AIDS : रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र और डब्ल्यूएचओ (WHO) की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार एआई टूल्स एचआईवी संक्रमण होने से पहले ही अलर्ट देकर 30% मामलों को रोक सकते हैं।
AIDS day: मशीन लर्निंग मॉडल्स पेशेंट डेटा, लक्षणों और व्यवहार से जोखिम की भविष्यवाणी करते हैं, जैसे यौन संचारित संक्रमण वाले मरीजों में 94% सटीकता से एचआईवी इंसिडेंस प्रेडिक्ट करना। चैटबॉट्स गोपनीय बातचीत से टेस्टिंग प्रोत्साहित करते हैं, जबकि रिस्क प्रेडिक्शन टूल्स PrEP उम्मीदवारों की पहचान करते हैं।
यूक्रेन में अलांइस फार पब्लिक हेल्थ (एपीएच) का रूरु मॉडल केस फाइंडिंग में 37% बेहतर साबित हुआ। भारत में नाको राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) अपने AI मॉडल को लांच कर रहा, जो 2026 तक 1 लाख हाई-रिस्क लोगों को अलर्ट करेगा। ये टूल्स वियरेबल डेटा और सोशल मीडिया से रीयल-टाइम अलर्ट देते हैं, लेकिन डेटा प्राइवेसी सुनिश्चित करनी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि AI से दुनियाभर में 50 लाख नए लोगों को हर साल संक्रमण से रोका जा सकेगा।
मशीन लर्निंग बेस्ड रिस्क प्रेडिक्शन टूल्स, जैसे रैंडम फॉरेस्ट मॉडल, EMR डेटा से HIV जोखिम की पहचान करते हैं। अमरीका और डेनमार्क में ये PrEP उम्मीदवारों को 85% सटीकता से चिन्हित करते हैं। जॉर्जिया स्टडी में यौन संचारित संक्रमण मरीजों के लिए ML मॉडल ने हाई-रिस्क ग्रुप्स को टारगेट किया। ये टूल्स डेमोग्राफिक, व्यवहारिक डेटा से स्कोरिंग करते हैं, जो टेस्टिंग और रोकथाम को तेज बनाते हैं।
चैटबॉट्स जैसे मलेशिया का HIV टेस्टिंग बॉट, 93% यूजर्स के लिए उपयोगी साबित हुआ। ये गोपनीय सलाह देते हैं, सेल्फ-टेस्टिंग प्रोत्साहित करते हैं और स्टिग्मा कम करते हैं। हॉन्गकॉन्ग ट्रायल में 528 लोगों ने चैटबॉट से काउंसलिंग ली, जो पारंपरिक तरीकों जितनी प्रभावी रही। सिंगापुर में ये PrEP जागरूकता बढ़ाते हैं।
MySTIRisk AI टूल ऑस्ट्रेलिया में विकसित, जो HIV और यौन संचारित संक्रमण जोखिम का मूल्यांकन करता है। फ्री वर्जन में 90% यूजर्स ने इस्तेमाल की इच्छा जताई। ये पाथोलॉजी फॉर्म भेजता है और हाई-एक्यूरेसी अलर्ट देता है। डिस्क्रीट चॉइस एक्सपेरिमेंट से पता चला कि यूजर्स सटीकता और गोपनीयता को प्राथमिकता देते हैं।
RNN मॉडल्स वियरेबल डेटा से समय-सीरीज एनालिसिस कर जोखिम भविष्यवाणी करते हैं। ये लैब टेस्ट और इमेजिंग से नई संक्रमण का अलर्ट देते हैं। सोशल मीडिया एनालिटिक्स से स्टिग्मा और मिसइनफॉर्मेशन ट्रैक करते हैं। यूक्रेन के अलांइस फॉर पब्लिक हेल्थ (एपीएच) ML टूल ने 5.2% डिटेक्शन रेट हासिल किया।