गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की ओर से रविवार रात अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस के चार सदस्यों का मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया।
गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की ओर से रविवार रात अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस के चार सदस्यों का मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया। चारों ही श्रीलंका के रहने वाले हैं। चारों आरोपियों नुसरथ अहमद गनी (33), नफरान नौफेर (27), फारुक (35) और रसदीन अब्दुल रहीम (43) के पास भारत का वीजा है। नुसरथ के पास पाकिस्तान का भी वीजा है।
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी फिलहाल पाकिस्तान निवासी अबू के संपर्क में थे। ये सभी तमिलभाषा में ही आपस में बातचीत करते थे। आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि ये चारों अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरने के बाद शहर के किसी इलाके में कम कीमत वाले लॉज में ठहरने वाले थे, ताकि किसी को ज्यादा शंका ना हो।
आरोपी सिग्नल नाम की मोबाइल एप्लीकेशन का भी उपयोग करते थे। सिग्नल एप का उपयोग ज्यादातर बातचीत के लिए करते थे। आरोपी इतने शातिर थे कि सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में नहीं आएं, इसके लिए खुद के मोबाइल फोन के डेटा का उपयोग करने की जगह सार्वजनिक स्थलों (एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पार्क, मॉल, बस स्टैंड) के वाईफाई का उपयोग संपर्क के लिए करते थे।
एटीएस सूत्रों के तहत पकड़े गए चार में से दो आतंकी इससे पहले भी सात से आठ बार भारत आ चुके हैं। चारों के पास भारत के वीजा हैं। ये व्यवसाय के सिलसिले में भारत आए होने की बात कह रहे हैं। ये कहां-कहां गए थे, उसकी जांच की जा रही है, इनके भारत आकर रैकी करने की आशंका है। मोबाइल फोन व पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने भारत के यहूदी, ईसाई, भाजपा और आरएसएस के नेताओं को सबक सिखाने की शपथ ली थी।