Atul Subhash Suicide: सुप्रीम कोर्ट ने मृतक बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की मां को उसके नाबालिग पोते की कस्टडी देने से इनकार कर दिया।
Atul Subhash Suicide: सुप्रीम कोर्ट ने मृतक बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की मां को उसके नाबालिग पोते की कस्टडी देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह बच्चे के लिए अजनबी है। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि बच्चे की कस्टडी का मुद्दा सुनवाई कर रही अदालत के समक्ष उठाया जा सकता है। शीर्ष कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि बच्चे की मां जीवित हैं। वहीं सुभाष की मां यानी बच्चे की दादी उसके लिए अजनबी है।
पीठ ने कहा कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है। अगर आप चाहें तो कृपया बच्चे से मिल लें। अगर आप बच्चे की कस्टडी चाहते हैं तो इसके लिए अलग प्रक्रिया है।
बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने अपने साढ़े चार साल के पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अतुल की मां ने पहले दावा किया था कि बच्चे का पता फिलहाल अज्ञात है क्योंकि अतुल की अलग रह रही पत्नी और उसके ससुराल वाले, जो अभी हिरासत में हैं, ने बच्चे के स्थान के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
मंगलवार को सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। वकील ने कहा कि हम बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे। हमने लड़के को स्कूल से निकाल लिया है। जमानत की शर्तों को पूरा करने के लिए मां को बेंगलुरु में ही रहना होगा।
अंजू देवी के वकील कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की कस्टडी की मांग की और आरोप लगाया कि उनकी अलग रह रही बहू निकिता ने बच्चे का स्थान गुप्त रखा है। तर्क दिया कि छह साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को अगली सुनवाई पर बच्चे को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया और कहा कि मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें कि 34 वर्षीय अतुल सुभाष 9 दिसंबर को मंजूनाथ लेआउट इलाके में अपने बेंगलुरु स्थित घर में मृत मिला था। उन्होंने जान देने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का एक वीडियो शूट किया था। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ उत्पीड़न और जबरन वसूली के आरोप लगाए थे।