भारत निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में SIR अभियान के दौरान BLOs को घर-घर नामांकन फॉर्म वितरण सुनिश्चित करने का कड़ा निर्देश दिया है, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई का ऐलान किया गया।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पश्चिम बंगाल में विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान के दौरान बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLOs) के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नामांकन फॉर्म वितरण के लिए घर-घर जाकर सर्वे करना जरूरी है। इसे छोड़ने पर BLOs के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय और जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) को दिया गया है।
CEO कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, आयोग ने BLOs को निर्देश दिया है कि वे निर्दिष्ट तरीके से घर-घर विजिट करें। यदि कोई BLO इसकी अनदेखी करता है या फॉर्म किसी खास जगह पर वितरित करता है, तो DEOs को ऐसे मामलों की गहन जांच करनी होगी। इसके अलावा, BLOs द्वारा फॉर्म वितरण की जिम्मेदारी किसी तीसरे पक्ष, चाहे रिश्तेदार, मित्र या परिचित को ही सौंपी जाए, तो इसे आचरण का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।
इस बीच, SIR के पहले चार दिनों में पश्चिम बंगाल के मतदाताओं को कुल 3.04 करोड़ नामांकन फॉर्म वितरित किए गए हैं। आयोग ने मंगलवार से राज्य में SIR शुरू किया था, और शुक्रवार शाम 8 बजे तक यह संख्या हासिल हो गई। CEO कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि नामांकन फॉर्म वितरण के मामले में पश्चिम बंगाल की प्रगति अन्य 11 राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है, जहां यह अभियान चल रहा है।
जिन मतदाताओं के नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की निर्वाचक नामावली में शामिल थे जब राज्य में अंतिम SIR आयोजित हुआ था उन्हें केवल फॉर्म में विवरण भरकर जमा करना होगा। ऐसे मतदाताओं को अपना नाम सूची में बनाए रखने के लिए कोई अतिरिक्त सहायक दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हालांकि, जिन मतदाताओं के नाम या माता-पिता के नाम 2002 की सूची में नहीं थे, उन्हें आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 दस्तावेजों में से कोई एक जमा करना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं।
SIR अभियान को लेकर राज्य में राजनीतिक तनाव भी बढ़ा है। TMC ने इसे 'एनआरसी का छिपा रूप' करार दिया है, जबकि BJP इसे मतदाता सूची शुद्धिकरण का जरूरी कदम बता रही है। BLOs ने भी सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताई हैं, जिसमें धमकियों और स्थानीय नेताओं के दबाव का जिक्र है। ECI ने BLOs को पहचान पत्र पहनने और समयबद्ध कार्य करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की है।