बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री जदयू की 'सेफ सीट' पर हो सकती है। लेकिन भाजपा उनकी एंट्री में अड़ंगा डाल सकती है, क्योंकि भाजपा 'परिवारवाद नहीं चलेगा' का नारा दे रही है और 'बेटा-बेटी की राजनीति' का विरोध करती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की सियासत में एंट्री जदयू की 'सेफ सीट' हो सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे संकेत मिल रहे हैं। लेकिन भाजपा उनकी एंट्री में अड़ंगा डाल सकती है। इसकी भी साफ वजह सामने आई है।
दरअसल, भाजपा के गलियारों में आजकल यह नारा गूंज रहा है कि 'इस बार परिवारवाद नहीं चलेगा'। भाजपा ने चुनाव से पहले ही यह संकेत दे दिया है कि वह 'बेटा-बेटी की राजनीति' से तंग आ चुकी है। जैसा कि वह अक्सर विरोधी पार्टियों पर ऐसा आरोप लगाती रहती है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने इस बार मौजूदा या पूर्व सांसदों-विधायकों के सगे-संबंधियों को टिकट नहीं देने का विचार किया है। कहा जा रहा है कि यह कदम पार्टी 'भाई-भतीजावाद विरोधी' साख को मजबूत करने के उद्देश्य से उठा सकती है।
इस बीच, 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' ने एक बड़े नेता के हवाले से बताया कि भाजपा बिहार चुनाव में इसबार परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देगी।
आलाकमान ने स्पष्ट किया है कि किसी नेता के बच्चे का टिकट इस बार कन्फर्म नहीं है। ऐसे में निशांत की एंट्री काफी विवादों से भरी रह सकती है।
हाल ही में एक बड़े नेता ने दावा किया था कि भाजपा इस बार बिहार में 101-104 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं, ऐसा भी माना जा रहा है कि भाजपा इस बार कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटने की तैयारी में है। इसका कारण क्षेत्र में उनका विरोध है। जो पार्टी की छवि को खराब कर रही है।
भाजपा बिहार चुनाव के मद्देनजर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव से भी बिहार में भाजपा को सबक मिल चुका है। जहां पार्टी ने कई सीटें गंवा दी। अब जिन क्षेत्रों में पार्टी को नुकसान हुआ है। वहां भरपाई करने के लिए बीजेपी दमदार उम्मीदवार उतार सकती है।
चुनाव आयोग आज शाम 4 बजे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान करेगा। इस बार आयोग की योजना राज्य में कम चरणों में मतदान कराने की है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को कम समय में पूरा किया जा सके। आयोग ने इसके लिए व्यापक तैयारियां की हैं और सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों, मतदान चरणों की संख्या और मतगणना की तारीख की घोषणा की जाएगी। आयोग की प्राथमिकता है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए चुनाव प्रक्रिया को कम समय में पूरा किया जा सके।
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में दो गठबंधनों के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है - एनडीए और महागठबंधन। चुनाव आयोग ने इस बार 17 नई पहलों की घोषणा की है, जो चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने में मदद करेंगी। इन सुधारों में सभी मतदान स्थलों पर वेबकास्टिंग शामिल है।